सीधी enewsmp.com जिले के कलेक्टर अभय वर्मा ने डीएलसीसी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि बेरोजगार युवकों को स्वरोजगारी बनाने के लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ऋण सुविधा प्रदान की जाती है। अतः बैंकर्स प्रो-एक्टिव होकर ऋण सुविधा प्रदान करें। उन्होंने कहा कि दिसम्वर माह के अन्त तक बैंक का सीडी रेशियो केवल 22 प्रतिशत है जो कि रिजर्व बैंक के नाम्स के अनुसार बहुत ही कम है और इससे यह प्रमाणित होता है कि बैंकर्स क्राप लोन को छोड़कर दूसरे क्षेत्रों में ऋण सुविधा देने में कोताही बरत रहे हैं जबकि केन्द्र सरकार द्वारा पुराने नोटों को प्रचलन से बन्द करने के दौरान जिले में बैंकों में करोडों रूपए जमा किए गए हैं। कलेक्टर ने कहा कि बैंकर्स इन्फ्रा स्ट्रक्चर,डेयरी,फिशरीज, कस्टम हायरिंग क्षेत्र में ऋण सुविधा प्रदान करे। बैठक में जिला पंचायत के सीईओ सुनील दुबे, भारतीय रिजर्व बैंक के मनोज कुमार, नावार्ड के सी दास चटर्जी,जिला अग्रणी बैंक प्रबन्धक सीबी झा सहित बैंकर्स एवं जिला अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना के प्रगति की समीक्षा के दौरान कहा कि जिला पंचायत को प्राप्त लक्ष्य 810 के विरूद्ध बैंकों द्वारा केवल 510 आवासहीनों को ऋण वितरण किया गया है, 21 मार्च तक शतप्रतिशत आवासहीनों को ऋण सुविधा प्रदान की जाय। उन्होंने बैकवार प्रगति की समीक्षा के दौरान बताया कि स्टेट बैंक आफ इण्डिया द्वारा 75 आवासों के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 40 आवासहीनों को ही ऋण सुविधा दी गई है। बैंक ऑफ बडौदा द्वारा 15 के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 6 व्यक्तियों को ऋण सुविधा दी गई है। सेन्ट्रल बैंक द्वारा 15 के लक्ष्य के विरूद्ध 15 व्यक्तियों को ऋण सुविधा प्रदान कर दी गई है। पंजाब नेशनल बैंक द्वारा 45 के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 14 व्यक्तियों को ही ऋण सुविधा दी गई है। मध्यान्चल ग्रामीण बैंक द्वारा 390 के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 232 व्यक्तियों को ऋण सुविधा दी गई है। इलाहाबाद बैंक द्वारा 75 के लक्ष्य के विरूद्ध 66 व्यक्तियों को ऋण सुविधा प्रदान की गई है। यूनियन बैंक आफ इण्डिया द्वारा 195 के लक्ष्य के विरूद्ध केवल 137 व्यक्तियों को ही ऋण सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने स्वरोजगार योजनाओं में ऋण वितरण की समीक्षा के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के अंतर्गत जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को प्राप्त 15 के लक्ष्य के विरूद्ध बैंकों द्वारा 18 प्रकरणों में ऋण वितरण किया गया है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत 310 के लक्ष्य के विरूद्ध 299 प्रकरणों में ऋण सुविधा प्रदान की गई है। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अंतर्गत 22 प्रकरणों के लक्ष्य के विरूद्ध 10 प्रकरणों में ऋण सुविधा प्रदान की गई है। रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि मनोज कुमार ने कहा कि जिले में स्थित बैंकों द्वारा जमा राशि के विरूद्ध विभिन्न सेक्टरों में ऋण सुविधा प्रदान न करने के कारण सीधी जिले के बैंक उमरिया एवं डिण्डोरी के बाद बेडसिटी में आ रहा है। अतः बैकर्स क्रापलोन के अलावा अन्य सेक्टरों में भी ऋण सुविधा प्रदान करने के लिए आगे आएं। उन्होने कहा कि बैंकों द्वारा पूर्व वर्षों में दिए गए ऋण की वसूली के लिए जिला प्रशासन अपेक्षित सहयोग प्रदान करे।