पन्ना : जिला महिला एवं सशक्तिकरण विभाग द्वारा लैगिंक उत्पीडन प्रतिषेध अधिनियम 2013 की एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। गत दिवस जिला पंचायत सभागार में आयोजित इस कार्यशाला का शुभारंभ उप संचालक महिला एवं बाल विकास श्रीमती मंगलेश सिंह ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि कार्यस्थल पर लैगिंक उत्पीडन का महिलाएं साहस के साथ विरोध करें। कार्यस्थल पर महिलाओं को सुरक्षा तथा संरक्षण देने के लिए लैगिंक उत्पीडन अधिनियम में उचित प्रावधान किए गए हैं। इनकी जानकारी हर कामकाजी महिला को होना आवश्यक है। अधिनियम के प्रावधानों का महिलाओं में व्यापक प्रचार-प्रसार करें। कार्यशाला में संरक्षण अधिकारी पवन साहू ने कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि महिला संरक्षण से संबंधित 13 समितियों के अध्यक्ष एवं सदस्य कार्यशाला में भाग ले रहे हैं। कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर श्रीमती मीरा सिंह ने बताया कि जिस कार्यालय में कम से कम 5 महिलाएं कार्यरत हैं उनमें लैगिंक उत्पीडन अधिनियम 2013 के तहत समिति का गठन अनिवार्य है। समिति में 5 सदस्य होंगे जिनमें 3 महिला सदस्य होना आवश्यक हैै। पन्ना में जिन कार्यालयों में समिति गठित नही है उनमें इसका गठन किया जाए। कार्यशाला में अधिवक्ता श्रीमती आशा खरे तथा समाज सेवी आशीष बोस ने बाल संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हर स्कूल में बाल संरक्षण समिति का गठन आवश्यक है। कार्यशाला में श्रीमती मंगला भाले, श्रीमती मंजू जैन, श्रीमती प्रेरणा मिश्रा, परियोजना अधिकारी कु0 कीर्तिप्रभा चंदेल तथा संबंधित महिलाए उपस्थित रही।