भोपाल (ईन्यूज एमपी): मध्यप्रदेश में अब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं सीबीएसई की तर्ज पर साल में दो बार आयोजित की जाएंगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने शैक्षिक सत्र 2024-25 से यह नई व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत पहली परीक्षा फरवरी-मार्च में और दूसरी परीक्षा जुलाई-अगस्त में होगी। स्कूल शिक्षा विभाग ने माशिमं विनियम 1965 में संशोधन कर अधिसूचना जारी की है। साथ ही 15 दिन के भीतर दावे और आपत्तियां मांगी गई हैं। सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब बोर्ड परीक्षा के बाद पूरक परीक्षा नहीं होगी। छात्रों को साल में दो बार परीक्षा देने का मौका मिलेगा और वार्षिक परिणाम दोनों परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर तैयार किया जाएगा। महत्वपूर्ण शर्त यह है कि जो छात्र पहली परीक्षा (फरवरी-मार्च) में शामिल होंगे, केवल वे ही दूसरी परीक्षा (जुलाई-अगस्त) में बैठने के योग्य होंगे। इससे छात्रों को एक अतिरिक्त मौका मिलेगा, ताकि वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकें। स्कूल शिक्षा विभाग का मानना है कि यह व्यवस्था छात्रों पर दबाव कम करेगी और उन्हें अपने प्रदर्शन को बेहतर करने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही वे अपनी कमजोरियों को पहचानकर दूसरी परीक्षा में सुधार कर सकेंगे। मध्यप्रदेश में शिक्षा व्यवस्था में इस बड़े बदलाव को लेकर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों में काफी चर्चा हो रही है। ईन्यूज एमपी आपको ऐसे ही महत्वपूर्ण बदलावों से अपडेट रखेगा।