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Home मध्य प्रदेश कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले: जल गंगा संवर्धन अभियान, ओंकारेश्वर सेंचुरी और औद्योगिक विस्तार को हरी झंडी

कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले: जल गंगा संवर्धन अभियान, ओंकारेश्वर सेंचुरी और औद्योगिक विस्तार को हरी झंडी

भोपाल (ईन्यूज़ एमपी): मध्यप्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिससे जल संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, औद्योगिक विकास और आर्थिक सुधारों को नई दिशा मिलेगी।

जल संरक्षण को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश में 30 मार्च से 30 जून तक "जल गंगा संवर्धन अभियान" चलाया जाएगा। इस दौरान जलस्रोतों का संरक्षण और सफाई अभियान चलाने के साथ-साथ जनप्रतिनिधियों, अफसरों और सामाजिक संगठनों को सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में इस व्यापक अभियान को प्रभारी मंत्रियों की निगरानी में संचालित किया जाएगा।

ओंकारेश्वर बनेगा वाइल्डलाइफ सेंचुरी
राज्य सरकार ने ओंकारेश्वर को वाइल्डलाइफ सेंचुरी घोषित करने की मंजूरी दे दी है, जिससे यहां वन्यजीवों के संरक्षण को नया आयाम मिलेगा।

नर्मदा संरक्षण के लिए 124 करोड़ की योजना
"अविरल निर्मल नर्मदा योजना" के तहत 124 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जो अगले सात वर्षों तक चलेगी। इस योजना के तहत 12 मंडलों में बड़े पैमाने पर पौधारोपण किया जाएगा।

औद्योगिक विकास को बढ़ावा
इंदौर और पीथमपुर में औद्योगिक विस्तार के लिए 1,290 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। इसमें इंदौर के 9 और पीथमपुर के 8 गांव शामिल हैं, जिससे औद्योगिक निवेश और रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

घुमंतू और अर्ध-घुमंतू परिवारों का सर्वे
राज्य सरकार घुमंतू और अर्ध-घुमंतू परिवारों को चिन्हित कर उनका पंजीयन करेगी। इन परिवारों के लिए विशेष सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर रोजगार और कल्याणकारी योजनाएं चलाई जाएंगी।

तुअर के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी
कैबिनेट ने तुअर का समर्थन मूल्य 7,650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है, जिसके तहत 1.27 मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य तय किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार
भोपाल के झागरिया गांव में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग के एनसीडीसी (राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र) के लिए 4 हेक्टेयर भूमि आरक्षित करने की मंजूरी दी गई।

कैबिनेट बैठक से पहले सीएम के निर्देश
मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को निर्देश दिए कि बजट का समुचित उपयोग सुनिश्चित करें और 31 मार्च तक अनुपूरक बजट का प्रभावी उपयोग किया जाए।

मध्यप्रदेश सरकार के ये बड़े फैसले प्रदेश के जल, वन्यजीव, औद्योगिक और आर्थिक विकास में अहम भूमिका निभाएंगे।

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