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Mp में वन रक्षकों के वेतन से वसूली के आदेश पर विभाग ने लगाई रोक

भोपाल(ईन्यूज एमपी) __ वन मुख्यालय ने वित्त विभाग के आदेश पर विभाग में 2006 से 2014 के बीच नियुक्त वनरक्षकों के वेतन से वसूली करने के आदेश पर रोक लगा दी है। वन विभाग ने इस मामले में वित्त विभाग को आदेश पर पुनर्विचार करने के लिए प्रस्ताव भेजा है, जिसके बाद वनरक्षकों के वेतन से किसी भी प्रकार की वसूली अगले आदेश तक नहीं की जाएगी। इस आदेश का लाभ प्रदेश के 6500 वन रक्षकों को होगा।
वन कर्मचारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष अशोक पांडे ने वन मुख्यालय के आदेश को न्यायोचित बताया है। पांडे का कहना है कि वित्त विभाग ने सितंबर माह में आदेश जारी करके वन विभाग के वनरक्षकों के पद को सीधी भर्ती का पद न मानते हुए पदोन्नति का पद बताया था तथा वनरक्षकों को 1900 ग्रेड पे एवं 5680 वेतनमान का लाभ देने पर रोक लगा दी थी। पिछले 10 साल में वनरक्षकों को मिले ज्यादा वेतन से वसूली के आदेश। जबकि वित्त विभाग ने आदेश जारी करते समय ना तो सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों और ना ही सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश का पालन किया था।
पांडे ने कहा कि वित्त विभाग के आदेश पर वन मुख्यालय ने रोक लगाकर शासन को पुनः वित्त विभाग के आदेश पर पुनर्विचार करने का प्रस्ताव भेजकर वन रक्षकों को सहयोग किया है। वनरक्षकों को तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के समान 1900 ग्रेड पे एवं 5680 वेतनमान का लाभ पूर्व अनुसार दिया जाएगा
उधर, राज्य भंडार गृह निगम रबी विपणन वर्ष 2024-25 में उपार्जित अनाज के भंडारण में अच्छा काम करने के लिए अधिकारियों-कर्मचारियों को एक माह के मूल वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि देगा। इससे लगभग एक हजार अधिकारी-कर्मचारी लाभांवित होंगे। साथ ही निगम के संचालक मंडल की बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि वर्षों से एक ही जिले में पदस्थ अधिकारियों को स्थानांतरित किया जाएगा।

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अधिकतम भरपाई हो सके। सभी शाखाओं का निरीक्षण नियमित रूप से हो। जिन अधिकारियों-कर्मचारियों का प्रदर्शन अच्छा नहीं है, उन्हें नोटिस जारी कर जवाब लिया जाए। मुख्यालय के भी अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाए। किसी भी अधिकारी की पदस्थापना उसके गृह जिले में न की जाए। तबादले भी उस समय किए जाएं, जब स्कूल में प्रवेश संबंधी समस्या न हो।

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