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भारतीय खेल इतिहास में परमार ने रचा इतिहास , बढाया मध्यप्रदेश का मान ...


(ईन्यूज़ एमपी) ----- भारत के खेल इतिहास में पहली बार पैरा ओलंपिक में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचने वाले कपिल परमार ने एमपी ...सीहोर और भारत का नाम रोधन कर दिया - किसान के बेटे कपिल परमार ने जीता पेरिस पैरा ओलंपिक ने कांस्य पदक कपिल की इस सफलता के पीछे उसके संघष की कहानी है कपिल किसान के बेटे है जीवन यापन के लिए दूध के धन्दे पर निर्भर है 4 भाई बहनों पर कपिल चौथे नंबर पर है ।


बतादें कि 12 साल की उम्र में करंट लगने के कारण कपिल की आंखे 80 प्रतिशत तक खराब हो गई थी जिंदगी के इस अंधरे में कपिल ने उम्मीद की रोशनी ढूंढी ओर जुडो की तरफ गए गरीबी और आंखों से परेशान कपिल के परिजनों ने टेक्सी , चाय की दुकान , गोबर के कंडे , हम्माली ,इट के भट्टे पर काम कर कपिल को जुडो के लिए प्रक्टिस करा - एक गरीब टेक्सी ड्राइवर के बेटे और दिव्याग अंतरराष्ट्रीय जुडो खिलाड़ी ...गुदड़ी के लाल कपिल परमार ने पैरा ओलंपिक गेम में भारत को 25 वां पदक दिलवाया कपिल परमार ने पुरुष 60 किग्रा की जे1 स्पर्धा के कांस्य पदक मुकाबले में ब्राजील के एलिएलटन डि ओलिवेरा को 10-0 से हराकर कांस्य पदक पर कब्जा किया भारत ने इस तरह पेरिस पैरालंपिक में अपने पदकों की संख्या 25 पहुंचा दी है...भारत के पैरा जूडो खिलाड़ी कपिल परमार ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया... कपिल ने इसके साथ ही इतिहास रच दिया है। वह भारत के पहले पैरा जूडो के खिलाड़ी हैं जिन्होंने पैरालंपिक या ओलिंपिक में कोई पदक अपने नाम किया है ....भारत ने इस तरह पेरिस पैरालंपिक में अपने पदकों की संख्या 25 पहुंचा दी है... भारत अब तक पेरिस खेलों में पांच स्वर्ण, नौ रजत और 11 कांस्य पदक अपने नाम कर चुका है ।

- कपिल परमार ने 2022 एशियाई खेलों में इसी वर्ग में रजत पदक जीता था ...
- उन्होंने क्वार्टर फाइनल में वेनेजुएला के मार्को डेनिस ब्लांको को 10-0 से शिकस्त दी थी
- लेकिन सेमीफाइनल में ईरान के एस बनिताबा खोर्रम अबादी से पराजित हो गए
- परमार को दोनों मुकाबलों में एक एक पीला कार्ड मिला। कपिल भले ही स्वर्ण नहीं ला सके, लेकिन कांस्य पदक जीतने में सफल रहे ..
- पैरा जूडो में जे1 वर्ग में वो खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं जो दृष्टिबाधित होते हैं या फिर उनकी कम दृष्टि होती है ...
- कांस्य पदक मिलते ही सीहोर में खुशियां मनाई गई ...कपिल के घर पर बधाई देने वालो का तांता लग गया
- खूब आतिशबाजी चलाई गई
- सीहोर के लिए यह पहला अवसर जब किसी खिलाड़ी ने पैरा ओलंपिक गैम में कांस्य पदक हासिल किया है
- कपिल पैसों के लिए चाय की दुकान चलाते है लेकिन उन्होंने अपनी प्रैक्टिस कभी मिस नही की

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