मध्यप्रदेश (ईन्यूज एमपी)- शहर में गौशालाओं में किस तरह गड़बड़ी चल रही है । इसका सबसे बड़ा उदाहरण समूह द्वारा संचालित की जा रही गुनगा के मनीखेड़ी की गोशाला है। यहां पर समूह के माध्यम से संचालित की जा रही गोशाला के रिकार्ड में 96 गोवंश दर्ज हैं लेकिन मौजूद सिर्फ 50 ही है। बाकी गोवंश को चरने के लिए जंगलों में छोड़े जाने का दावा संचालक द्वारा किया गया था, लेकिन वह वापस नहीं लौटे। इस वजह से अब जिला प्रशासन ने गोशाला संचालक के खिलाफ कार्रवाई करने की तैयारी कर ली है। बता दें कि दो दिन पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने गोशाला का औचक निरीक्षण किया था।तब ही गोशाला में चल रही गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इससे उन्होंने स्थानीय एसडीएम और तहसीलदार को जांच करने के निर्देश दिए थे। जांच के दौरान नहीं मिले गोवंश कलेक्टर जब ग्राम पंचायत मनीखेड़ी गुनगा स्थित श्रीकृष्ण गोशाला का निरीक्षण करने पहुंचे थे तब सिर्फ 25 गाेवंश थे।उन्होंने रिकार्ड देखा तो उसमें 96 में दर्ज थे। इस पर वह नाराज हुए और जांच के लिए निर्देश दिए। इस पर एसडीएम की टीम द्वारा गोशाला की बुधवार सुबह जांच की गई तो उसमें सिर्फ 50 ही गोवंश मौजूद थे। जबकि 46 गोवंश गुरुवार तक गोशाला नहीं पहुंचे थे। ऐसे में अब एसडीएम द्वारा गोशाला के मामले में प्रतिवेदन बनाकर आगे की कार्रवाई के लिए कलेक्टर को सौंपने की तैयारी कर ली है। समूह संचालित करता है गोशाला ग्रामीण क्षेत्रों में यहां-वहां विचरण करने वाले निराश्रित गाेवंश को रखने के लिए गोशाला का निर्माण कराया गया था। इसका संचालन जिला पंचायत द्वारा बनाए गए समूह द्वारा किया जाता है। जिसमें धर्मेंद्र नाम का व्यक्ति भी शामिल है।जिससे प्रशासन द्वारा गोवंश की जानकारी चाही तो उसका कहना था कि गोवंश जंगलों में विचरण करने गए हैं ।यह गोवंश शाम तक वापस लौट आते हैं। इनका कहना है गुनगा की मनीखेड़ी गोशाला की जांच जारी है। अब तक सिर्फ 50 गोवंश ही मिले हैं जबकि 46 अब भी गायब हैं। संचालन करने वाले समूह से पूछताछ कर ली गई है। गोवंश का कुछ पता नहीं चल सका है।अब प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर को सौंपा जाएगा। - लाखन सिंह चौधरी, तहसीलदार, बैरसिया