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सिंधिया को किया जा सकता है रिपीट, बीडी और शिवराज को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी। दो की छुट्टी लगभग...

भोपाल (ईन्यूज एमपी)-नरेंद्र मोदी 9 जून को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। पीएम की शपथ से पहले मंत्रिमंडल को लेकर मंथन चल रहा है। देश में बीजेपी के कई मजबूत राज्यों में हार हुई, लेकिन एमपी में पहली बार रिकॉर्ड सभी 29 सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। इस जीत के बाद सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि एमपी से कितने मंत्री बनाए जाएंगे।

सूत्रों का कहना है कि मंत्रिमंडल का फॉर्मूला तैयार हो गया है। एमपी को चार मंत्री मिल सकते हैं। मौजूदा मंत्रियों में सिर्फ ज्योतिरादित्य सिंधिया को रिपीट किया जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान में नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को मोदी 3.0 में कैबिनेट में मंत्री बनाया जा सकता है। एनडीए के घटक दल टीडीपी और जेडीयू ने कृषि मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय की मांग की है। अब ऐसे में शिवराज को कौन सा मंत्रालय मिलेगा, इस पर फैसला नहीं हुआ है। मोदी के तीसरे कार्यकाल में सिंधिया दूसरी बार मंत्री बनेंगे। उनके मंत्रालय पर भी अभी फैसला होना है।
इस बार बीजेपी बहुमत के आंकड़े को हासिल करने से चूक गई। पहला मौका है जब मोदी एनडीए के सहयोगी दलों के साथ सरकार बनाएंगे। ऐसे में सरकार में शामिल दलों को साधने के लिए मंत्रिमंडल में जगह देनी होगी। इस वजह से एमपी से मौजूदा सरकार में दो केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक और फग्गन सिंह कुलस्ते को ड्रॉप किया जा सकता है। शुक्रवार रात को सीएम डॉ. मोहन यादव ने दिल्ली में कुलस्ते के आवास पर जाकर मुलाकात भी की है।

दो राज्यमंत्री हो सकते हैं
NDA के घटक दलों ने कई अहम मंत्रालयों की डिमांड की है। ऐसे में घटक दलों को साधने के लिए मंत्रिमंडल से पुराने चेहरों को ड्रॉप कर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है। नए सांसदों को मंत्रिमंडल में शामिल करने से दो फायदे हैं। पहला- कैबिनेट मंत्री बनाने की बाध्यता नहीं होगी। दूसरा- विभाग को लेकर भी किसी तरह का असंतोष नहीं होगा।

हिमाद्री, महेन्द्र को मिल सकता है मौका
29 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने के बाद बीजेपी एमपी के जातीय संतुलन का भी ध्यान रखेगी। एमपी की करीब 22 फीसदी आदिवासी वर्ग को साधे रखने के लिए शहडोल से दूसरी बार की सांसद हिमाद्री सिंह को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है। वहीं, दलित चेहरों में डॉ. वीरेंद्र कुमार खटीक की जगह देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी को जगह मिल सकती है। सोलंकी भी दूसरी बार चुनाव जीते हैं।

पॉलिटिकल एक्सपर्ट कहते हैं कि मोदी सरकार का तीसरा कार्यकाल प्रयोग करने वाला नहीं, बल्कि एडजस्टमेंट वाला होगा। ऐसे में पहली बार के सांसदों को मंत्रिमंडल में जगह देने की संभावना कम है।

वीडी की भूमिका भी राष्ट्रीय राजनीति में अहम होगी
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और खजुराहो से दूसरी बार साढ़े पांच लाख वोटों से चुनाव जीते वीडी शर्मा की भूमिका राष्ट्रीय राजनीति में अहम होगी। वीडी शर्मा के अध्यक्षीय कार्यकाल में एमपी के विधानसभा चुनाव में 163 सीटें बीजेपी ने जीतीं। लोकसभा चुनाव में सभी 29 लोकसभाओं पर जीत दर्ज की।

बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा संगठन को तय किए गए टास्क को एमपी ने सबसे पहले पूरा किया है। एमपी के संगठन में कई नवाचार बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने किए हैं।

विधानसभा चुनाव के पहले एमपी से केंद्र में थे पांच मंत्री
विधानसभा चुनाव के पहले केंद्र सरकार में एमपी से पांच मंत्री थे। इनमें नरेंद्र सिंह तोमर, प्रहलाद पटेल, डॉ. वीरेन्द्र कुमार खटीक, ज्योतिरादित्य सिंधिया और फग्गन सिंह कुलस्ते थे। विधानसभा चुनाव में नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल को मुख्य चेहरा बनाकर उतारा गया। विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद तोमर को विधानसभा अध्यक्ष और प्रहलाद पटेल को पंचायत और श्रम मंत्री बनाया गया। वर्तमान में मोदी सरकार में एमपी से तीन मंत्री हैं।

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