अहमदाबाद. गुजरात में रिजर्वेशन की मांग कर रही पटेल-पाटीदार कम्युनिटी का आंदोलन हिंसक हो जाने के बाद राज्य के बड़े शहरों में तनाव है। अहमदाबाद और सूरत में असर सबसे ज्यादा है। हालात काबू करने के लिए बुधवार दोपहर गांधीनगर से आर्मी की एक टुकड़ी अहमदाबाद बुलवाई गई। इससे पहले कुछ लोगों ने पटरियां उखाड़कर कोयले से लदी एक मालगाड़ी में आग लगाने की भी कोशिश की। वहीं, मंगलवार रात से अब तक हुई हिंसा की वजह से 3 लोगों के मारे जाने की खबर है। दो मौतें अहमदाबाद और एक पालनपुर में हुई है। केंद्र ने पैरामिलिट्री फोर्सेस की 60 कंपनियां (करीब 6000 जवान) भेजी हैं। गुजरात सरकार ने सुबह ही कई इलाकों में फोन और इंटरनेट सर्विस एहतियातन बंद कर दी थी। बुधवार को अनामत आंदोलन समिति ने गुजरात बंद रखा। इस दौरान जगह-जगह से हिंसा की खबरें आईं। आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने व्हाॅट्सएप के जरिए शांति की अपील की, लेकिन इसका असर ज्यादा असर नहीं हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी गुजरात के लोगों से शांति की अपील की। (देखें मोदी का वीडियो मैसेज) हिंसा से किन जिलों पर असर? अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, राजकोट, जामनगर और पाटन। बुधवार को कहां हुई हिंसा? * अहमदाबाद के चांदलोडिया-राणीप इलाके में जीएसटी क्रॉसिंग पर उपद्रवियों ने पटरियां उखाड़ दीं। जब कोयले से भरी मालगाड़ी ट्रैक पर खड़ी हो गई तो उसमें आग लगाने की कोशिश की। सूचना पाते ही भारी पुलिस दल मौके पर पहुंच गया। इससे ट्रेन को जलने से बचा लिया गया। * सूरत म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के दो गोदामों में एक हजार लोगों की भीड़ ने आग लगा दी। शहर के कई इलाकों में बाइक, बस और अन्य गाड़ियों को आगे के हवाले कर दिया गया। * हार्दिक पटेल ने गुजरात में बुधवार को बंद बुलाया है। इसके मद्देनजर पूरे राज्य में स्कूल और कॉलेज आज बंद हैं। * गुजरात के अहमदाबाद, सूरत और मेहसाणा जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है। * अहमदाबाद के 9 इलाकों में बुधवार को कर्फ्यू लगाना पड़ा। इनमें मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की विधानसभा सीट के तहत आने वाला घटलोदिया, बीजेपी चीफ अमित शाह के इलाके-नारायणपुरा, रमोल, वाडज, कृष्णानगर, नरोदा, ओधव और बापूनगर शामिल है। * अहमदाबाद के बापूनगर में आंदोलनकारियों ने पुलिस पर पत्थर फेंके तो पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। * अहमदाबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफिस में तोड़फोड़। * घाटलोदिया वेस्ट में गाड़ियों को फूंका। मंगलवार को क्यों और कैसे हुई थी हिंसा की शुरुआत? महारैली के लिए 18 लाख लोग मंगलवार को अहमदाबाद में थे। शाम को नेता हार्दिक पटेल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। लोगों के भड़कने पर सरकार ने घंटेभर बाद ही हार्दिक को छोड़ दिया। लेकिन, इस बीच पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था और तब तक अहमदाबाद, सूरत समेत 12 शहरों में हिंसा भड़क गई। (देखें फोटोज) लाठीचार्ज किसके कहने पर? जब पता था कि लाखों आंदोलनकारी इकट्ठा हैं तो लाठीचार्ज किए जाने को सीधे-सीधे सरकार के स्तर पर गलती मानी जा रही है। इस बीच सीएम ने कहा- हमने कार्रवाई का आदेश नहीं दिया था। ऐसा पुलिस ने किसके कहने पर किया? इसकी जांच कराएंगे। मंगलवार को कहां-कहां हुई हिंसा और क्या-क्या हुआ? * अहमदाबाद, सूरत समेत 12 से ज्यादा शहरों में पटेल समुदाय की रैली में आई भीड़ ने हिंसा की। * सवा सौ गाड़ियां फूंक डालीं। 16 थाने जलाए, एक की मौत हो गई। कई शहरों में ट्रेन की पटरियां उखाड़ दीं। * फायर स्टेशनों को घेर लिया, ताकि दमकल विभाग के लोग निकल न सकें। * मेहसाणा में गृह राज्यमंत्री रजनी पटेल के घर में भीड़ ने आग लगा दी। * गांधीनगर समेत कई शहरों में कलेक्टर और एसपी दफ्तर में भी आग लगा दी गई। * हिंसा के बाद मंगलवार की रात अहमदाबाद, सूरत, मेहसाणा, ऊंझा, विसनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया है। 2002 के दंगों के बाद गुजरात में ऐसी हिंसा हुई और कर्फ्यू लगाया गया। * अहमदाबाद में फायरिंग में युवक की मौत हो गई। प्रशासन ने क्या एक्शन लिया? * सूरत, मेहसाणा, ऊंझा, विसनगर में कर्फ्यू लगा दिया गया। * अहमदाबाद में बीएसएफ-आरएएफ तैनात कर दी गई। * अहमदाबाद और कई शहरों में फोन व इंटरनेट सर्विस पर रोक लगा दी गई है। अफवाहें रोकने के लिए सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है। * केंद्र सरकार ने भी पारा मिलिट्री फोर्सेज की 60 कंपनियां भेजीं। सीएम ने की शांति की अपील मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने राज्य में शांति की अपील की है। उन्होंने कहा,''गुजरात के लोगों से मेरा निवेदन है कि शांति रखें। सलामती का माहौल बनाएं। सरकारी प्रॉपर्टी हमारी प्रॉपर्टी है। कोई भी लॉ एंड ऑर्डर न तोड़े।'' राजनाथ ने की आनंदीबेन से बात होम मिनिस्टर राजनाथ सिंह ने गुजरात के हालात को लेकर मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल से बात की है। उन्होंने मदद का भरोसा दिलाया है। जानकारी के मुताबिक, होम मिनिस्ट्री दिल्ली से गुजरात के हालात पर नजर रखे हुए है। जरूरत पड़ने पर दिल्ली से एडिशनल सिक्युरिटी फोर्स भी भेजने की तैयारी है। क्या कहा पुलिस कमिश्नर ने? अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर शिवानंद झा ने कहा, ''भीड़ में जो आए थे वे तैयारी के साथ बैठे थे। जिस तरह पूरे शहर में घटनाओं को अंजाम दिया गया, उससे पता चलता है कि इसकी तैयारी पहले से ही थी। हम जांच कर रहे हैं। मामला जो दिख रहा है, उससे कहीं ज्यादा है। आंदोलन में पुलिस टारगेट बन रही थी। इसलिए सेना की हेल्प ली जा रही है।'' क्यों हो रहा फसाद, क्या है मांग? - गुजरात की कुल आबादी 6 करोड़ 27 लाख है। इसमें पटेल-पाटीदार लोगों की तादाद 20% है। - यह कम्युनिटी मांग कर रही है कि उन्हें ओबीसी स्टेटस दिया जाए ताकि कॉलेजों और नौकरियों में उन्हें रिजर्वेशन मिल सके । - राज्य में अभी ओबीसी रिजर्वेशन 27% है। - आेबीसी में 146 कम्युनिटी पहले से लिस्टेड है। पटेल-पाटीदार समुदाय खुद को 146वीं कम्युनिटी के रूप में ओबीसी की लिस्ट में शामिल कराना चाहती है। - राज्य के 120 भाजपा विधायकों में से 40 इसी कम्युनिटी से आते हैं। - गुजरात में पटेल समुदाय को बीजेपी का मेन वोट बैंक माना जाता है। कौन हैं हार्दिक पटेल? - हार्दिक पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के कोऑर्डिनेटर हैं। यह समिति अब तक 70 रैलियां कर चुकी है। रिजर्वेशन के लिए चल रहे आंदोलन की अगुआई 22 साल के हार्दिक पटेल ही कर रहे हैं। - 5 जुलाई को सभी छोटे-बड़े पटेल संगठनों को मिलाकर एक संगठन बनाया गया था। इसके एक दिन बाद 6 जुलाई को मेहसाणा से इस आंदोलन को शुरू किया गया। पटेल ने उसी दिन आंदोलन को पूरे गुजरात में ले जाने का एलान किया था। - अहमदाबाद से करीब 80 किलोमीटर दूर वीरमगाम तहसील के चंद्रनगर गांव में रहने वाले हार्दिक पटेल कॉमर्स से ग्रैजुएट हैं। - उन्होंने साल 2011 में सेवादल से अलग होकर वीरमगाम में एसपीजी यानी सरदार पटेल सेवादल शुरू किया था। हार्दिक के पिता बीजेपी से जुड़े हुए हैं। - इस समय हार्दिक के सबसे करीबी व्यक्ति चिराग पटेल हैं। चिराग वही हैं, जो 2012 के गुजरात विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर मौजूदा सीएम आनंदीबेन के खिलाफ खड़े हुए थे। हालांकि वे हार गए थे। - लोकसभा चुनाव के वक्त हार्दिक आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल का समर्थन करते दिखे थे। 18 अगस्त की रैली में ही करा दिया था ताकत का अंदाज पटेल समुदाय ने 18 अगस्त को सूरत में रैली की थी। तभी उन्होंने अपनी ताकत दिखा दी थी। पहली बार आरक्षण की मांग को लेकर समुदाय के करीब पांच लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। पांच घंटे तक सूरत ठप्प हो गया था। हालांकि, गुजरात की सीएम आनंदीबेन पटेल ने आंदोलन को ठंडा करने के लिए पहले ही एक कमेटी बना दी है। कमेटी में सात मंत्री हैं जो पटेल को रिजर्वेशन की मांग पर गौर कर रहे हैं। लेकिन, आंदोलनकारियों ने कह दिया है कि उन्हें कमेटी पर भरोसा नहीं। नीतीश ने भी दिया साथ हार्दिक पटेल के आंदोलन को बिहार के सीएम नीतीश कुमार का सपोर्ट मिला है। माना जा रहा है कि नीतीश ने मोदी के विरोध के चलते इस आंदोलन के समर्थन में अपना बयान दिया है। इस समय बिहार में विधानसभा चुनाव की गहमागहमी तेज हो गई है और इस चुनाव को नीतीश बनाम मोदी के तौर पर देखा जा रहा है।