पन्ना : राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन के तहत दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला होटल ताज खजुराहो में आयोजित की गई। इस का शुभारंभ सुश्री कुसुम सिंह मेहदेले मंत्री पशुपालन, पीएचई, ग्रामोद्योग, उद्यानिकी, विधि एवं विधायी कार्य ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसान परम्परागत खेती के साथ उद्यानिकी को अपनाए। जलवायु में लगातार हो रहे परिवर्तनों के कारण खेती पर विपरित असर पड रहा है। किसान यदि पाली हाउस तथा ग्रीन हाउस को अपनाकर उद्यानिकी फसलें लेते है तो इस पर मौसम का कोई असर नही पडेगा। इसमें आने वाला खर्च केवल एक साल के लाभ में वसूल हो जाएगा। पन्ना जिले की जलवायु तथा मिट्टी उद्यानिकी के अनुकूल है। उद्यानिकी तथा पशुपालन से ही जिले के किसान समृद्ध होंगे। मंत्री सुश्री मेहदेले ने कहा कि उद्यानिकी विभाग अब तक केवल मालवा क्षेत्र के जिलों पर ही विशेष ध्यान दे रहा था अब पन्ना सहित प्रदेश के सभी जिलों में उद्यानिकी के लिए विशेष कार्ययोजना लागू की गई है। किसान इसका लाभ उठाए। अपने जमीन के छोटे से टुकडे पर सब्जी, फल, मसाला, फूल तथा औषधी पौधों की खेती करें। किसान खेती के साथ साथ पशुपालन, उद्यानिकी, मछली पालन को भी अपनाए। वर्मी कम्पोस्ट तथा जैविक खाद का उपयोग करें। मिट्टी का परीक्षण कराके उसके अनुरूप फसल लें। कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दी जा रही जानकारी को अपने खेतों में लागू करें। लाभ कमाने के लिए नवाचार का खतरा किसानों को उठाना होगा। उद्यानिकी विभाग किसानों की हरसंभव सहायता करेगा। कार्यशाला में नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहनलाल कुशवाहा ने प्रशिक्षण का लाभ उठाने की अपील की। संचालन उद्यानिकी एम.एस. धाकड ने कहा कि किसान उद्यानिकी फसलों से एक एकड में दो से 20 लाख तक की आय प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सभी विकासखण्डों में उद्यानिकी कार्यालय खोले जा रहे है जिससे किसानों को पूरी जानकारी मिलेगी। विभाग के रिक्त पदों की भी शीघ्र ही पूर्ति की जाएगी। उद्यानिकी के विकास के लिए प्रत्येक गांव में ग्राम उद्यान विकास समिति गठित की जा रही हैं। विभाग द्वारा 10 अगस्त से उद्यानिकी महोत्सव मनाया जा रहा है। इसी तरह 25 सितंबर से पुष्प महोत्सव मनाया जाएगा। इनके माध्यम से किसानों को उद्यानिकी फसल लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। कार्यशाला में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चन्द्रशेखर शुक्ला ने कहा कि लागत बढने तथा अनाज के दाम लगभग स्थिर रहने के कारण परम्परागत खेती लाभप्रद नही है। उन्होंने सिवनी जिले के दो किसानों के उदाहरण देते हुए बताया कि 22 एकड में उद्यानिकी फसल लेकर एक किसान 2 करोड हर वर्ष कमा रहा है। ऐसा चमत्कार पन्ना के किसान भी कर सकते हैं। कार्यशाला में मंत्री सुश्री मेहदेले ने जिले के 11 उन्नतशील उद्यानिकी किसानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने प्रगतिशील किसान रामेश्वर प्रसाद, राममिलन, चेहनू पाल, रामकिशोर शुक्ल, संतकुमार चैधरी, अरविन्द खरे, गजराज सिंह गौड, करण सिंह, स्वामी प्रसाद कुशवाहा, देवेन्द्र तिवारी तथा लल्लू कुशवाहा को सम्मानित किया। कार्यशाला में कृषि विश्व विद्यालय रीवा के डीन डाॅ. एस.के. पाण्डेय तथा कृषि वैज्ञानिकों डाॅ. राजेश सिंह, डाॅ. एम.ए. आलम एवं डाॅ. एस.के. त्रिपाठी ने किसानों को उद्यानिकी फसलों, कृषि यंत्रीकरण, टपक सिंचाई विधि, संरक्षित खेती, कीट नियंत्रण तथा उद्यानिकी फसलों के भण्डारण एवं विपणन की जानकारी दी। कार्यशाला में प्रगतिशील किसान हनुमत प्रताप सिंह ने कहा कि लगातार सूखे के बावजूद केवल 5 एकड में सिमला मिर्च एवं टमाटर की खेती से उन्हें लाखों की आय हुई है। कार्यशाला में जनपद अध्यक्ष पन्ना, कृषि वैज्ञानिक तथा किसान उपस्थित रहे। कार्यशाला के उद्देश्यों की जानकारी सहायक संचालक उद्यान आर.ए. साकेत ने दी।