सीधी (ईन्यूज एमपी)-भारतीय जनता पार्टी ने आज सीधी समेत 3 जिलों के जिला अध्यक्ष बदल दिए हैं इसमें सीधी जिले के पूर्व अध्यक्ष इन्द्रशरण सिंह के स्थान पर देव कुमार सिंह को सीधी जिले की कमान सौंपी गई है । देव कुमार सिंह पूर्व में सेमरिया मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं और सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ला के करीबी रहे हैं। हाल ही में सीएम शिवराज के आगमन के बाद हुए इस परिवर्तन को कई तरह से देखा जा रहा है। देवकुमार के भाजपा जिलाध्यक्ष बनते ही उनके समर्थकों में हर्ष का माहौल है भाजपा के कार्यकर्ताओं ने उनके घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी और आतिशबाजी की। मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पूरी तैयारियों में जुटी हुईं है.इन्हीं चुनाव के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने आज एक अहम फैसला लिया है.भारतीय जनता पार्टी के 3 जिलों के जिलाध्यक्ष बदले हैं. जिसके बाद नए लोगों को जिम्मेदारी सौंपी गई है. बीजेपी ने वर्तमान तीन जिलाध्यक्षों यानी सीधी , डिंडोरी और आगर के जिलाध्यक्ष हटा दिए हैं. इधर तीनों जिलों में नए जिलाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं.बता दें कि देव कुमार सिंह को सीधी, अवध राज बिलैया को डिंडोरी और चिंतामणि राठौड़ को आगर का जिलाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, तीनों जिलों से हटाए गए जिलाध्यक्षों को भाजपा प्रदेश कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी की तरफ से इन अध्यक्षों की नियुक्ति का जो अधिकारिक लेटर जारी हुआ है.उसमें भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने इन सभी सदस्यों को अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी है. अगले साल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के चलते भाजपा खराब प्रदर्शन करने वाले पदों पर बैठे लोगों से जिम्मेदारी वापस ले रही है और इसी के चलते बीजेपी ने पिछले दिनों कई जिलों के अध्यक्ष बदले है , किंतु सीधी से इन्द्रशरण सिंह एक ऐसा चेहरा था जो काफी विवादों से घिरे रहे वावजूद वह तीन सालों तक जमके पारी खेलने में कामयाब रहे हैं और पार्टी आलाकमान ने एक वार फिर चौहान के बदले चौहान की ताजपोशी की है । बता दें कि इसके पहले बीजेपी ने झाबुआ, अलीराजपुर, सिंगरौली और शाजापुर के जिलाध्यक्षों को हटा दिया था और उनके हटाने का कारण खराब प्रदर्शन बताया गया था। और हाल ही में मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर संगठन में बदलाव के लिए भी गुजारिश की गई थी इन तमाम बातों पर अगर आपस में जोड़ा जाए तो आज का बदलाव इसी ओर इंगित है।