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वर्ष की अंतिम लोक अदालत 12 नवंबर को......

सीधी (ईन्यूज एमपी)- प्रधान जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अमिताभ मिश्र ने कहा कि लोक अदालत सस्ता, सुलभ और शीघ्र न्याय प्राप्त करने का सर्वोत्तम मंच है। लोक अदालत में आपसी सुलह से मुकदमों का निराकरण हो जाता है जिससे पक्षकारों के बीच सौहार्द बना रहता है। उक्त बांते प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने वर्ष की चैथी एवं अंतिम लोक अदालत के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए जिले की मीडिया प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहीं।

प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने कहा कि सीधी जिले में नेशनल लोक अदालत को लेकर अच्छे परिणाम देखने को मिले हैं। यहां के जन सामान्य लोक अदालतों में प्रकरणों के निराकरण के लिए तत्पर रहते हैं। उन्होने कहा कि लेकिन अभी भी लोक अदालत के संबंध में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में जन जागरूकता की आवश्यकता है। इसमें मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रधान जिला न्यायाधीश ने कहा कि नेशनल लोक अदालत के संबंध में आमजनों तक जानकारी पहुंचाएं जिससे अधिक से अधिक लोग इसका लाभ प्राप्त कर सकें और एक विवाद विहीन समाज की परिकल्पना साकार हो सके।

प्रधान जिला न्यायाधीश ने बताया कि वर्ष की चैथी एवं अंतिम लोक अदालत का आयोजन 12 नवंबर को किया जाएगा। जिले में कुल 20 खण्डपीठों का गठन किया गया है। जिसमें न्यायलयों में लंबित 2342 प्रकरणों को रखा जाएगा। इसके साथ ही बैंक प्रीलिटिगेशन के 1788, नगरीय निकायों के प्रीलिटिगेशन के 277 तथा विद्युत विभाग के 315 प्रकरणों का भी निराकरण किया जाएगा।

प्रधान जिला न्यायाधीश श्री मिश्र ने बताया कि लोगों को उनके विधिक अधिकारों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से बंजारी में 13 नवंबर को वृहद विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होने बताया कि पक्षकारों एवं आमजनों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला न्यायालय परिसर में ई-सेवा केन्द्र संचालित है, जहां पक्षकारों को सभी आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराई जाती हैं।

इस अवसर पर विशेष न्यायाधीश प्रशांत कुमार निगम, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कविता दीप खरे सहित जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के प्रतिनिधि उपस्थित रहें।

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