रीवा(ईन्यूज एमपी)- जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय मे नित नये घोटाले सामने आ रहे हैं।अभी अनुदान घोटाले की गूंज शांत नहीं हुई थी कि कार्यालय अंतर्गत राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) मे स्मार्ट क्लास योजना मे बड़ा घोटाला सामने आया है। गौरतलब है कि पूर्व ए.डी.पी.सी. रमसा द्वारा की गई अनियमितता की जाँच पूर्व से ही जे डी द्वारा कराईं जा रही है। ताजा मामला स्मार्ट क्लास योजना से संबंधित है। जिसमें राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तह्त जिले के 21 हायर सेकंडरी विद्यालयों को स्मार्ट क्लास योजना के तहत चयनित किया गया था। जिसके तहत स्मार्ट क्लास विकसित करने हेतु लैपटॉप, डेस्कटॉप,टी वी आदि सामग्री क्रय करने हेतु प्रति विद्यालय 2.40 लाख रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। जिसके लिये जिला रमसा कार्यालय द्वारा प्राचार्यों को जेम पोर्टल पर लॉगिन आई डी एवं पासवर्ड उपलब्ध कराना था, जिसके माध्यम से प्राचार्यों द्वारा जेम (JEM) पोर्टल से सामग्री क्रय करनी थी। किन्तु प्रभारी ए.डी.पी.सी. रमसा अजय निगम ने स्वयं जेम पोर्टल पर प्राचार्यों के लॉगिन आई डी और पासवर्ड जनरेट कर, शासन के नियमों के विपरीत जाकर स्वयं क्रय आदेश जारी कर दिया। भोपाल की फर्म से सांठगांठ कर खुद ही सभी विद्यालयों की सामग्री क्रय करने के आदेश देना भ्रष्टाचार और गंभीर कदाचरण की श्रेणी मे आता है। मामले का पता तब चला जब 20 फ़रवरी को आयोजित समीक्षा बैठक में माडल त्योंथर ,कन्या लालगांव, सहित लगभग दर्जन भर प्राचार्यों ने इसकी जानकारी लिखित मे डी ई ओ को दी। मामला खुलते ही कार्यालय मे हड़कंप मच गया और जिला शिक्षा अधिकारी जी पी उपाध्याय ने आनन फानन मे प्रभारी ए डी पी सी अजय निगम को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है। जिसमें शासन के निर्देशों की अवहेलना करने और घोर वित्तीय अनियमितता करने पर गंभीर कदाचरण का नोटिस दिया गया है प्रतिवाद समाधान कारक न पाये जाने पर सिविल सेवा आचरण नियम के प्रावधानों के तहत निलंबन सहित कठोर कार्यवाही हो सकती है।