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मन्दसौर - ऋणी हों या अऋणी, सभी किसानों को मिलेगा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ - विधायक श्री सिसौदिया

मन्दसौर - किसी बैंक से ऋणी हों या अऋणी, सभी किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिया जायेगा। मध्यप्रदेश में सभी किसानों को स्थायी कनेक्शन दिये जायेंगे। वित्त वर्ष 2016-17 के कुल 1 लाख 72 हजार करोड़ रूपये के सालाना बजट में से म.प्र. सरकार ने इस कार्य के लिये 6 हजार करोड़ रूपये आरक्षित कर दिये हैं। उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के मामले में हमारा जिला सबसे आगे है और यहां पैदा होने वाली हर फसल जिला प्रशासन के राजस्व रिकार्डो में दर्ज हो गई है। फसल बीमा कराने पर हर किसान को अधिकतम बीमा राशि का लाभ मिलेगा। इस आशय के उद्गार आज मंदसौर विधायक श्री यशपाल सिंह सिसौदिया ने व्यक्त किये। श्री सिसौदिया आज किसान विकास केन्द्र परिसर में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अन्तर्गत आयोजित एक दिवसीय किसान मेला व प्रदर्शनी कार्यक्रम के शुभारंभ सत्र को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता म.प्र. किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री बंशीलाल गुर्जर ने की। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक के अध्यक्ष श्री मदनलाल राठौर, कलेक्टर श्री स्वतंत्र कुमार सिंह, कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर के प्रमण्डल सदस्य श्री भगवान सिंह शक्तावत, सांसद प्रतिनिधि श्री गणपत आंजना, उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. जी.एन. पाण्डेय, किसान विकास केन्द्र के समन्वयक डॉ. त्रिपाठी सहित कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन, सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं बड़ी संख्या में जिले के हर विकासखण्ड से आये किसान बंधु, किसान मित्र व किसान दीदी आदि मौजूद थे।
विधायक श्री सिसौदिया ने कहा कि अब दौर बदल गया है। अब केन्द्र हो या राज्य की सरकार, सभी किसानों को संबल देने का प्रयास बड़ी संवेदनशीलता के साथ कर रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना इसी संवेदनशीलता का सूचक है। इसमें किसानों को अधिकतम बीमा राशि का लाभ मिले, ऐसे प्रावधान किये गये है। उन्होंने कहा कि इस अनूठी योजना में प्रावधान है कि यदि किसी फसल में 20 प्रतिशत नुकसानी हुई है, तो पीड़ित किसान को एक हफ्ते के भीतर पहली किश्त के रूप में 25 प्रतिशत की बीमा राशि का लाभ दे दिया जायेगा। उन्होंने किसानों से खेती के अलावा पशुपालन, दुग्धोत्पादन, मत्स्य पालन, फल, फूल, सब्जी, औषधीय एवं मसाला फसलों की भी खेती करने का अनुरोध किया।
अध्यक्षयीय सम्बोधन में म.प्र. किसान कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री गुर्जर ने कहा कि केन्द्र सरकार वर्ष 2022 तक किसानो की आमदनी दुगुना करना चाहती है। सरकार ने कृषि क्षेत्र के विकास के लिये बड़े-बड़े निर्णय लिये है। अब अधिसूचित हो या गैर अधिसूचित, सभी प्रकार की फसलों पर तय ऋण मान के मुताबिक प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत बीमा राशि का लाभ दिया जायेगा। यह लाभ अऋणी किसानों को भी दिया जायेगा। योजना का संचालन विधिवत हो, इसकी मानिटरिंग हेतु राज्यस्तरीय एवं कलेक्टर की अध्यक्षता में जिलास्तरीय कमेटी भी बना दी गई है। यह योजना एक अप्रैल 2016 से पूरे देश में लागू हो गई है। प्रधानमंत्रीजी की विशेष पहल पर तैयार हुई इस योजना के जरिये केन्द्र सरकार ने खेती को संरक्षित करने का बीड़ा उठाया है। इसलिये हर किसान को अपनी फसल का बीमा अवश्य कराना चाहिये। क्योंकि इस योजना में 30 हजार रूपये प्रति हेक्टेयर तक बीमा राशि दिये जाने का प्रावधान किया गया है। फसल न बोने पर भी 25 प्रतिशत बीमा राहत दी जायेगी।
श्री मदनलाल राठौर ने कहा कि किसानों को समृद्ध बनाना ही सरकार का मूल लक्ष्य है। सभी किसान अपनी फसलों का बीमा करायें ताकि आपदा की स्थिति में राहत मिल सकें। बीमा कराकर किसान अपना वर्तमान व भविष्य दोनो सुरक्षित कर लें। फसल चक्र बदलें। हमेशा एक सी फसल न लें। उन्होंने बताया कि जिले में उत्पादित हो रही हर प्रकार की फसल अब राजस्व रिकार्ड में दर्ज हो चुकी है। सभी प्रकार की फसलों के अधिकतम ऋणमान तय कर दिये गये है। किसानों को ऋणमान के आधार पर ही बीमा राशि दी जायेगी। उन्होंने जानकारी दी कि उद्यानिकी फसलों में अव्वल होने के बाद अब मंदसौर जिला सौर ऊर्जा के मामले में अग्रणी होने की ओर अग्रसर है।
कलेक्टर श्री स्वतंत्र कुमार सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि जिले के अऋणी किसान भी इस योजना का लाभ पाने के लिये पात्र होंगे। अतः अऋणी किसान जल्द से जल्द नजदीकी पैक्स में जाकर अपना पंजीयन करायें और फसल बीमा कराकर इस योजना का लाभ अवश्य लें। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के कुल लहसुन उत्पादन का 25 प्रतिशत मंदसौर में पैदा हो रहा है। यहां फसलों की मार्केटिंग का भी अच्छा वातावरण तैयार हुआ है। मंदसौर पहला ऐसा जिला जहां जिलास्तरीय तकनीकी समिति ने यहां पैदा होने वाली सभी प्रकार की फसलों अधिकतम ऋणमान तय कर दिये है। मंदसौर में हुए इस नवाचारी प्रयास को प्रदेशस्तर पर सराहना मिल रही है और दूसरे जिले भी इसी ऋणमान को अपना रहे है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के सफल संचालन के जिला प्रशासन ने अपनी तैयारी कर ली है। यहां पैदा होने वाली फसलों की 31 मार्च 2016 से पहले ही पोर्टल पर ऑनलाईन एन्ट्री कर ली गई है। इस योजना के दायरे में सभी प्रकार की फसलें ले ली गई है। उन्होंने किसानों से परम्परागत रूप से ली जाने वाली सोयाबीन की फसल के बदले अब मूंग, उड़द, चना, मक्का, खरीफ प्याज, मैथी, लहसुन सहित औषधीय व मसाला फसलों की खेती करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि नकद फसलों की खेती कर किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
स्वागत उद्बोधन देते हुए उद्यानिकी महाविद्यालय के डीन डॉ. पाण्डेय ने कहा कि बदलते मौसम का सीधा असर फसलों पर पड़ रहा है, इसलिये फसल का बीमा कराना बेहद जरूरी है। किसान भाई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत अपनी फसल का बीमा जरूर करा लें। कार्यक्रम के अंत में किसान विकास केन्द्र के समन्वयक डॉ. त्रिपाठी ने सभी का आभार व्यक्त किया।
मालूम हो कि देश में एक अप्रैल 2016 से यह बीमा योजना लागू हो चुकी है। इस एक दिवसीय किसान मेला व प्रदर्शनी कार्यक्रम आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों को इस बीमा योजना के प्रावधानों से अवगत करा कर उन्हें फसल बीमा अवश्य कराने के लिये प्रेरित करना था। कार्यक्रम के दौरान बताया गया कि जिले के कुल किसानों में से करीब 25 प्रतिशत किसान अपनी फसल का बीमा करा चुके है। इस एक दिवसीय मेले के माध्यम से किसानों को उन्मुखीकरण प्रबोधन देकर फसल का बीमा अवश्य कराने का आग्रह कर योजना के समस्त प्रावधानों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।

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