सीधी ( ईन्यूज एमपी ) मध्यप्रदेश के राजनीतिक गलियारे में इन दिनों विंध्य क्षेत्र सुर्खियों में छाया हुआ हैं कांग्रेस के बीच हो रहे ड्रामें को लेकर यंहा तरह तरह के चर्चाओं का बाजार गर्म है , कांग्रेस के दो कद्दावर नेता कमलनाथ और अजय सिंह राहुल के बीच इन दिनों चल रहे रस्साकशी के खेल के माइने ही कुछ और हैं ...? पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल पर जानबूझकर वार करते हुये विंध्य क्षेत्र में उन्हे कमजोर करने की बड़ी साजिश रची जा रही है , संगठनात्मक सर्जरी के वाद राहुल समर्थकों में जंहा आग की ज्वाला धधक रही है वंहीं विंध्य क्षेत्र में भाजपा फीलगुड की मन:स्थिति में है। बतादें कि पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भले चुनाव हार गये हों लेकिन विंध्य में उनका वर्चस्व कमजोर नही है , कोई माने या न माने लेकिन यह सच है कि अजय सिंह ने अपनी सीट गमाकर पूरे प्रदेश में तन्मयता से पार्टी हित में कार्य किये हैं तभी तो कमलनाथ जी सीएम वन सके थे। और तो और दोनो दलों ने षड़यंत्र करके उन्हें चुनाव हराने में कामयाबी हांसिल की यही कारण है कि वह आज हांसिये में खड़े है । वर्तमान में विंध्य को लेकर चल रही ड्रामेबाजी के पीछे कमलनाथ का मकसद ब्राम्हण बोटों पर निशाना भी हो सकता है , हलाकि विंध्य के ब्राम्हणों पर फेंका गया निशाना कितना कारगर होगा यह तो वक्त वतायेगा लेकिन यह भी सच है कि कमलनाथ और शिवराज के आंतरिक रिस्ते भी बड़े मधुर हैं इनके व्यापारिक रिलेशन आवाद रहें कारणवश कभी तुम कभी हम ...गोल गोल के चक्कर में अजय सिंह राहुल को विंध्य से कमजोर करने का षडयंत्र भी हो सकता है ताकि विंध्य मेंभाजपा मजबूत रहे।लेकिन यंहा सच्चाई कुछ और है कारण कि भाजपा कांग्रेस की फूट का फायदा उठाने की स्थिति में नहीं दिखती क्योंकि भाजपा फीलगुड के मुगालते में है , भाजपा के नीचे धरती नही है । उल्लेखनीय है कि विंध्य इलाके में अजय सिंह को दरकिनार कर बीजेपी से दल बदल कर वापिस कांग्रेस में लौटे कांग्रेस नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी को रीवा जिले की अहम जिम्मेदारी दे दी गयी , इससे अजय सिंह खेमा नाराज है, विंध्य इलाके में पीसीसी की ओर से नियुक्त प्रभारियों को लेकर खासे नाराज हैं , हालांकि पार्टी की अंतर्कलह पर पार्टी कुछ भी साफ तौर पर बोलने से बच रही है। लेकिन एक बात तो यह स्पष्ट है कि अजय सिंह के प्रभाव वाले विंध्य क्षेत्र के लाखों कार्यकर्ता और कई विधायक, पार्टी अध्यक्ष, कांग्रेसी नेता कमलनाथ के बयान से खासा नाखुश है। अजय सिंह राहुल के लाखों समर्थक अब उनके समर्थन में लगातार कमलनाथ का विरोध कर रहे हैं। ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि अगर कांग्रेस पार्टी और कमलनाथ अजय सिंह राहुल को दरकिनार करते हैं तो निश्चित ही कांग्रेस को विंध्य से बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। और इसका सीधा-सीधा लाभ बीजेपी को मिल सकता है जो इस समय विंध्य क्षेत्र में प्रचंड बहुमत पर है।