कानपुर(ईन्यूज एमपी) बस और टैम्पो के बीच हुए भीषण हादसे में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। मालूम चला कि कानपुर से सूरत जा रही बस 52 सीटर थी, लेकिन इसमें तीन ट्रैवल्स कंपनियों ने मिलकर 115 से ज्यादा यात्रियों को बैठाया था। ज्यादातर यात्री मजदूर ही थे। यही नहीं, सफर शुरू करने से पहले बस के ड्राइवर और कंडक्टर ने डीजल डलवाने के नाम पर शराब भी पी थी। गलियारा भी ठसाठस भरा हुआ था हादसे में बाल-बाल बचे नीरज भी उसी बस में सफर कर रहे थे। उन्होंने बताया की हर एक सीट पर दो-दो लोगों को बैठाया गया था। 4 सीट पर 8 यात्री बैठे थे। यात्री इतने थे कि लोगों को गलियारे में भी बैठा दिया गया था। ये सभी लोग सूरत की फैक्ट्री में काम करते थे। कोरोना लॉकडाउन खत्म होने के बाद सभी को दोबारा कंपनी पहुंचना था, इसलिए भीड़ के बावजूद लोग बस में सवार हो गए। हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजन हैलट हॉस्पिटल पहुंचे। सबका रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। हादसे में मारे गए यात्रियों के परिजन हैलट हॉस्पिटल पहुंचे। सबका रो-रोकर बुरा हाल हो गया था। शराब पीने के बाद चौराहे का तीन राउंड लगाया एक पैसेंजर ने बताया कि ड्राइवर, कंडक्टर ने एक पेट्रोल पंप पर डीजल डलवाने के बहाने शराब पी। फिर चौराहे का तीन राउंड भी लगाया था। तीसरे राउंड में जैसे ही टर्न लिया, पीछे से आ रही एक DCM बस को ओवरटेक करने लगी। बस की स्पीड स्लो थी, लेकिन सामने से आ रहे टैम्पो काफी ज्यादा स्पीड में था। बस और DCM के बीच टैम्पो फंस गया। इधर, बस चालक भी कंट्रोल खो बैठा और 10 फीट दूर जाकर बस पलट गई। बस से टकराने के बाद टैम्पो कई राउंड पलटते हुए दूर जाकर गिरी। टैम्पो पूरी तरह से पिचक गई थी। हादसे के बाद से बस का ड्राइवर और कंडक्टर फरार है। हादसे में टैम्पो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। इसमें 8 लोगों की जगह 18 लोगों को बैठाया था प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मरने वालों में सबसे ज्यादा टैम्पो के यात्री थे। टैम्पो चालक ने 8 लोगों की जगह में 18 लोगों को बैठा रखा था। लोग एक-दूसरे के पैर पर भी बैठे थे। तीन से चार लोग बाहर भी लटक रहे थे। यही कारण है कि सबसे ज्यादा नुकसान टैम्पो में बैठने वाले लोगों को ही हुआ। सात किलोमीटर शॉर्टकट के चक्कर में गलत दिशा में आ गया टेम्पो चालक हादसा सात किलोमीटर शॉर्टकट के चक्कर में हुआ। टेम्पो चालक नेशनल हाईवे पर 7 किलोमीटर के शॉर्टकट के चक्कर में हाईवे पर गलत दिशा से जा रहा था और उधर, नशे में धुत बस चालक तेज रफ्तार में बस चला रहा था। रॉन्ग साइड के चक्कर में बस ने टेंपो में इतनी तेज टक्कर मारी की टेंपो के परखच्चे उड़ गए और उसमें बैठे 17 लोगों की मौत हो गई। टेंपो चालक की भी मौत हो गई। तीन भाइयों को हादसे में खोने वाले लालेपुर गांव के नीरज ने बताया कि हाइवे पर अगर नियम के मुताबिक करीब साढ़े तीन किलोमीटर आगे जाकर लौटना पड़ता। इसके चलते टेम्पो चालक पप्पू किसान नगर से रांग साइड से हाइवे पर चल दिया और थोड़ी दूरी पर चलते ही टेम्पो हादसे का शिकार हो गया। कानपुर समेत 5 जिलों के पैसेंजर्स बैठे थे बस में कानपुर के अलावा गोंडा, श्राबस्ती, रायबरेली, बहराइच के लोग बैठे थे। हादसा एक ऐसे मोड़ पर हुआ है, जो दुर्घटना बहुल क्षेत्र माना जाता है। बस में बैठे ज्यादातर यात्री गुजरात के सूरत धागा बनाने की फैक्टरी में काम करते थे। वे लॉकडाउन में घर वापस आए थे। लॉकडाउन खत्म होने के बाद ये सभी वापस काम पर जा रहे थे। इनके पास फैक्ट्री से फोन आया था कि काम शुरू हो गया है, अब वापस आ जाएं। कानपुर के महोली गांव के राजकुमार शाहू बस में बैठे थे, उनका कहना है कि वे पहले कोरोना से बचे, फिर अब हादसे में मौत से बचे हैं, अब दोबारा वापस घर जाएंगे। यात्रियों ने बताया कि से कानपुर से सूरत जाने का किराया पहले 800 होता था, लेकिन इस बार ट्रैवेल्स ने 1400 से 2 हजार रुपए तक वसूला।