नरसिंहपुर - स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत नरसिंहपुर जिले को जून 2016 तक खुले में शौच से पूर्णत: मुक्त करने के उद्देश्य से जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन रविवार को किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटैल ने दीप प्रज्जवलन और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के चित्र पर माल्यार्पण कर किया। कार्यशाला में स्वच्छ भारत मिशन को जन-जन का आंदोलन बनाने पर बल दिया गया। साथ ही सम्पूर्ण जिले के शहरी व ग्रामीण क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए वातावरण तैयार कर लोगों को प्रेरित करने पर विशेष जोर दिया गया। कार्यशाला में कलेक्टर श्री नरेश पाल, जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री प्रतिभा पाल, अपर कलेक्टर डॉ. जेपी दुबे, अनुविभागीय राजस्व अधिकारी सुश्री लता पाठक, श्री जेपी सैयाम, श्री राजेन्द्र राय व श्री अरविंद कुमार झा, संयुक्त कलेक्टर श्री जीएस धुर्वे, उप संचालक सामाजिक न्याय श्री महेन्द्र कुमार त्रिपाठी, फीड बैक फाउंडेशन दिल्ली के सीईओ श्री अजय सिन्हा, स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक श्री राजेश तिवारी, खिरिया ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती प्रेमलता शर्मा, विभिन्न विभागों के जिला प्रमुख, तहसीलदार व नायब तहसीलदार, सभी जनपदों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगरीय निकायों के मुख्य नगर पालिका अधिकारी, सब इंजीनियर, ब्लाक समन्वयक, प्रेरक और अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे। कार्यशाला में बताया गया कि जिले का चांवरपाठा ब्लाक और जिले की 446 ग्राम पंचायतों में से 130 ग्राम पंचायतें खुले में शौच से मुक्त हो चुकी हैं। जिले की 6 जनपद पंचायतों में 61 हजार 574 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है, जबकि 64 हजार 203 शौचालयों का निर्माण शेष है। जिले के सभी 8 नगरीय निकायों और शेष 316 ग्राम पंचायतों को आगामी जून माह तक खुले में शौच से पूर्णत: मुक्त किया जाना है। इसके लिए तैयार की गई कार्य योजना की विस्तार से जानकारी दी गई। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री संदीप पटैल ने उम्मीद जताई कि नरसिंहपुर जिला तय समय सीमा में खुले में शौच से मुक्ति का लक्ष्य हासिल कर लेगा। उन्होंने कहा कि इस जिले की तासीर सबसे अलग है। जिले के लोग जो संकल्प ले लें, उसे पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ते। खुले में शौच से मुक्त हुआ पहला ब्लाक चांवरपाठा इसका उदाहरण है। श्री पटैल ने स्वच्छ भारत मिशन के क्रियान्वयन में आने वाली व्यावहारिक कठिनाईयों को दूर करने पर बल दिया। उन्होंने बताया कि इस मिशन के लिए फंड और संसाधनों की कोई कमी नहीं है। कलेक्टर श्री नरेश पाल ने कहा कि जिले को तय समय सीमा में खुले में शौच से मुक्त करने की चुनौती को एकजुटता से स्वीकार करना होगा। इसके लिए समाज के सभी वर्गों की अभियान में सहभागिता अनिवार्य है। ऐसे प्रयास किये जाएं कि कोई भी इस अभियान से अछूता न रहे। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस अभियान के माध्यम से समाज सेवा में सहभागी बनें। कलेक्टर ने चांवरपाठा ब्लाक को खुले में शौच से मुक्त करने में योगदान देने वाले जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, प्रेरकों, पंचायतों का उल्लेख करते हुए उनकी सराहना की। कलेक्टर ने स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े प्रेरक संस्मरण सुनाए। उन्होंने इस दिशा में आने वाली व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर करने के लिए महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सीईओ जिला पंचायत सुश्री प्रतिभा पाल ने कहा कि जिले को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य दृढ़संकल्प और समर्पण भाव से पूर्ण करना संभव है। उन्होंने इस अभियान को आंदोलन के रूप में लेने पर विशेष जोर दिया। सुश्री पाल ने कहा कि इस अभियान को सुअवसर के रूप में लें। इस अभियान में स्वच्छता सेनानी अपना योगदान दें। सुश्री पाल ने आग्रह किया कि इस अभियान को पूरे उत्साह से महोत्सव के रूप में लेकर स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप कार्य करें और लक्ष्य हासिल करें। स्वच्छता के बारे में जानते सब हैं, पर मानते कम हैं फीड बैक फाउंडेशन दिल्ली के सीईओ श्री अजय सिन्हा ने कहा कि स्वच्छता के महत्व के बारे में जानते सब हैं, पर मानते कम हैं। इसके लिए हमें सैद्धांतिक समझ को आत्मसात करना होगा। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता के लिए इस मिशन में उन लोगों को शामिल करना अत्यंत आवश्यक है, जो खुले में शौच तो नहीं कर रहे परंतु वे मौन हैं। उन्होंने बताया कि खुले में शौच एक मानसिक समस्या है। उन्होंने इस समस्या के मनोवैज्ञानिक पहलुओं एवं उनके निदान को बहुत रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। श्री सिन्हा ने खुले में शौच की समस्या के निदान का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया। श्री सिन्हा ने खुले में शौच से होने वाले नुकसान की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे इस अभियान की सफलता के लिए जुनून के साथ कार्य करें। खुले में शौच की समस्या के निदान के लिए समुदाय को विकल्पहीन करना होगा, तभी समुदाय में परिवर्तन आएगा। श्री सिन्हा ने कहा कि खुले में शौच से मुक्त होने के बाद आगामी 6 माह तक फालोअप करना आवश्यक है, इसके प्रति सभी सजग रहें। करेली जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत खिरिया की सरपंच श्रीमती प्रेमलता शर्मा ने उनकी ग्राम पंचायत को खुले में शौच से मुक्त करने में आई कठिनाईयों और उनके निराकरण के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी दी। स्वच्छ भारत मिशन के जिला समन्वयक श्री राजेश तिवारी ने जिले को जून 2016 तक खुले में शौच से मुक्त करने की कार्य योजना की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायतों में शौचालय निर्माण का वास्तविक सर्वे एवं ग्राम पंचायतवार शौचालय निर्माण हेतु आवश्यक राशि, सामग्री, राजमिस्त्री एवं मजदूरी की आवश्यकता का आंकलन 10 अप्रैल तक पूर्ण किया जाएगा। सर्वे के बाद वास्तविक शौचालय विहीन परिवारों का चयन कर सूची तैयार कर ग्रामवार आवश्यकता की गणना की जाकर आपूर्ति सुनिश्चित कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा। शौचालय निर्माण के लिए जिला स्तर से तीन दलों वातावरण निर्माण दल, शौचालय निर्माण हेतु तकनीकी दल व गुणवत्ता परीक्षण दल का गठन किया जाएगा।