रायपुर(ईन्यूज एमपी) शिक्षक की भर्ती में चयनित छात्र अब मनरेगा में तालाब खोदने को मजबूर है। 2019 में शुरू हुई शिक्षक भर्ती का अभी तक कोई पता नहीं है, अगर समय पर भर्ती हो जाती तो आज इस शिक्षक के हाथ में कुदाल की जगह चॉक और डस्टर होता। दरअसल मनरेगा में मजदूरी करने वाले शिक्षक नरेंद्र सिदार शिक्षक भर्ती में चयनित हो चुके हैं. कोरोना की वजह से सरकार ने भर्ती रोक दी, परिवार को चलाने की चिंता है, इसलिए मनरेगा में मजदूरी कर रहे हैं. ताकि परिवार का भरण पोषण हो सके। 11 हजार शिक्षक कर रहे दूसरे काम नरेंद्र सिदार की तरह प्रदेश भर में 11 हजार 909 शिक्षक ऐसे हैं, जिनकी अपनी तरह की मजबूरियां हैं. जिसके कारण वे शिक्षण कार्य छोड़कर दूसरे काम करने को मजबूर हैं या घरों में बैठे हुए हैं. सरकार ने 2019 में 14,580 पदों पर शिक्षक भर्ती निकाली थी. इसमें कई अड़चनें आई, परीक्षा के परिणाम समय पर जारी कर दिए गए. इसके बाद कोरोना का समय आ गया, सरकार ने भर्ती प्रक्रिया तो दो-दो बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन कर जारी रखा लेकिन ज्वॉइनिंग के लिए शर्त जोड़ दी जब स्कूल खुलेंगे तब ज्वॉइनिंग होगी. 2 हजार को ज्वाइनिंग बाकि इंतजार में कोरोनो संक्रमण कम होने पर 9वीं से 12वीं तक के स्कूल कुछ महीनों के लिए खुले तो व्याख्याता के 2671 चयनित पदों पर ज्वॉइनिंग दे दी गई, लेकिन बाकि बचे 11,909 पदों पर शिक्षक, सहायक शिक्षक, प्रयोगशाला असिस्टेंट की ज्वॉइनिंगअब तक नहीं दी गई. अब लगातार ज्वॉइनिंग का इंतजार कर रहे शिक्षक आंदोलन करने की बात कह रहे हैं. शिक्षकों का कहना है कि जब कोरोनाकाल में सरकार के ड्रीम प्रोजक्ट आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में संविदा और प्रतिनियुक्ति के जरिए भर्ती हो रही है, फिर हिंदी मीडियम के सरकारी शिक्षकों को भर्ती देने में क्या समस्या है. कोरोना से मृत सरकारी कर्मचारी के परिजन को कैसे मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति, यहां जानिए पूरी प्रक्रिया पूर्व सीएम ने किया ट्वीट पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर रमन सिंह ने इस मामले में ट्वीट कर लिखा है कि, सीएम भूपेश बघेल झूठ कह रहे हैं कि, भर्ती हो गई. जबकि शिक्षक अभ्यर्थी मजदूरी करने पर मजबूर हैं. प्रक्रिया रुकी है, आगे बढ़ाया जाएगा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम का कहना हैं कि कोरोना के कारण कुछ प्रक्रियाएं रूकी हुई है. इसे आगे बढ़ाया जाएगा. बीजेपी सवाल उठाने से पहले यह देख ले कि, उसने कब शिक्षकों की भर्ती की थी।