✍️ सचीन्द्र मिश्र ✍️ सीधी जिले में जिस तरह से कोरोना की भीषण स्थिति निर्मित हुई है आम जन से लेकर क्या नेता क्या अभिनेता क्या पत्रकार क्या अधिकारी कर्मचारी सब लोग सहमे हुए है, और हों क्यों भी न, सबके अंदर तो एक साधारण ही दिल, दिमाग , जिगर है।लेकिन ऐसे में सवाल उठता है कि फिर सिस्टम कौन चलाएगा, सिस्टम कौन देखेगा। अगर जिम्मेवार अधिकारी कर्तव्य से धीमे पड़े, या फिर खुद को बचाने लगे तो कौन हाथ बढ़ाएगा जरूरत मंद की ओर, क्योंकि ये ऐसा तबका है जिसमे कलेक्टर, डॉक्टर, पुलिस, नर्स, पंचायत विभाग गांव में खाद्यान्न भोजन पहुचाने वाले, एम्बुलेंस में मरीजो को लाने वाले लोग, शवो को पहुचाने वाले, सफाई वाले, यहां तक कि सबसे कठिन काम करने वाले वो लोग जो रोज अनगिनत शवो को उठा रहे है, और उन्हें मुक्ति मार्ग तक पहुचाने का अंतिम क्रिया भी करते है। सोचिए जब हम अपने घरों में बैठ कर सिर्फ तस्वीरों में इन दृश्य को देखकर अपने रक्तचाप का गति से नियंत्रण खो देते है, कैसे वो लोग होंगे, जिन्हें हर अपने निर्धारित समय पर अपने को नियंत्रित करके अपने कर्तव्य के लिए सजग होना पड़ता है। अब सिस्टम को देखने वाले जिम्मेवार जनप्रतिनिधि भी टकटकी लगाए दिन भर टोह तो लेते रहते है, जितना संभव हो पाता है लोंगो की फोंन पर ही गुहार सुनकर मदद पहुचाने में लगे रहते है, सीधी सांसद श्रीमती रीति पाठक बर्तमान से थोड़ा पहले काफी सक्रिय थी,चाहे वह सीधी बघवार का बस हादसा रहा हो, जिसमे वह घटना स्थल से लेकर हर पीड़ित के घर भी पहुचीं, चाहे वह कुसमी में हाथियों का तांडव वो, उस पर भी वह मुश्तैद दिखाई दीं। लेकिन कोरोना ने उनके तीब्र पहिये को रोक दिया,लेकिन कई दिन वर्चुअल लोंगो से जुड़कर उनके लिए मदद करती हुई दिखाई दी । सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल का स्वभाव तो हमेशा से काफी मददगार रहा गरीबों को न्याय दिलाने से लेकर हमेशा सुखदुख में सहभागी रहे हैं, लेकिन उम्र और स्वास्थ का असर कही न कही उनको न चाहते हुए भी रोक रहा है, फिर भी उन्होंने एक कमेटी गठित की है, जो कुछ लोंगो द्वारा सराहा भी जा रहा है तो कुछ लोग उसमें त्रुटियां भी देखते हुए उसमें विरोधाभाष भी कर रहे है। सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल छात्र राजनीति से लेकर अब तक का उनका राजनीतिक सफर कड़क रहा है स्वच्छ छवि किंतु सच को सच कहना और स्वाभिमान से समझौता नही करने लल्लो चप्पो की राजनीति नही करते इसी वजह से लोग उनका विरोध करते हैं कुछ भी हो बर्तमान सत्ताधारी पार्टी के विधायक होने के नाते भी जब आम जन त्राहि त्राहि कर रहा है तो विरोध भी झेलना पड़ेगा शायद इस बात को सीधी विधायक जी का अनुभव खूब समझता होगा। यही कारण है कि सीधी जिला चिकित्सालय में ICU वार्ड के बेड बढाये जाने के लिये उन्होने अपनी निधि से 25 लाख रुपये दे दिये हैं ताकि आमजनमानस को इस वैश्विक आपदा से वचाया जा सके । चुरहट विधायक शरदेन्दु तिवारी तो अभी युवा है उनको विश्वाश है कि उनकी रोगरोधक क्षमता अभी ठीक है, इसलिए वह सीधे पीपीई किट पहन कर जिला चिकित्सालय के कोरोना के वार्ड में ही चले गए, वहां उन्होंने सब व्यवस्थाओं को देखा, और लोंगो की मुशीबतों को भी समझा क्यूंकि इस आपदा की पीड़ा से वह खुद पीड़ित रहे हैं , मेरे हिसाब से चुरहट विधायक सीधी जिले के सभी विधायकों में मुख्यमंत्री के ज्यादा करीब माने जाते है, अब उनकी मजबूती तो तब समझ आएगी,जब जिला चिकित्सालय में अभी बहुत से संसाधनों की कमी है, जो पूरी हो जाएंगी। अब तीसरे सत्ताधारी विधायक जो आदिवासी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते है, वो भी बनांचल में लोंगो की सेवाओं में जुटे रहते है पर चुनाव की तरह किस्मत ने उनका साथ नही दिया खुद संक्रमित हो बैठे, और काफी लंबे दिन तक उपचार लेकर अभी कुछ दिन पहले ही स्वस्थ होकर लौटे है, उनको अभी पूर्ण स्वस्थ हो कर सक्रिय होने में वक़्त लगेगा। लेकिन महाशय भी शहर की निजी अस्पताल में उपचार कराके लोंगो के सवालों के घेरे में आ गये, कि क्या विधायक जी को अपने सरकारी सिस्टम पर भरोसा नही था। खैर हम तो ईश्वर से प्रार्थना करते है कही से कोई इस बीमारी में ठीक होना ही चाहिए। इन सब मे सबसे अब्बल सिहावल के कांग्रेस विधायक जी दिखे, जो हप्ते भर में भोपाल से अपने क्षेत्र में पहुच रहे है और लगातार सारी व्यवस्थाओं पर खुद निगाह लगाए रहते है। मानव सेवा का पुरुस्कार उनके पिता जी को मिला था, इस बात की उनको मर्यादा रखनी है इस बात का उनको बखूबी ख्याल रहता है, तभी तो उन्होंने अपने तीन मोबाइल नम्बर आम जन को सार्वजनिक दिये हुए है, जिससे हर समय संपर्क में रहते हुए शासकीय निधि के अलावा स्वयं से भी किसी भी प्रकार मदद लोंगो की कर रहे है, क्षेत्र में कई जगह आवश्यक सुविधा युक्त कोविड सेंटर बनवा दिया, तो तीस बड़े ऑक्सीजन सिलेंडर अकस्मात सेवा के लिए अतिरिक्त स्वयं के व्यय पर विधानसभा में अधिकारियों के पास रख दिया, जिनके भरवाने की जिम्मेवारी उन्होंने ने ही ले रखी है।दो अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एम्बुलेंस, दो शव वाहन भी उपलब्ध करा दिए। जिले में जिम्मेवार कांग्रेस नेता होने के कारण उन्होंने पिछले दिनों जिले भर के कार्यकर्तों की मीटिंग लेकर उनको भी अपनी ओर से हर प्रकार की मदद के लिए तैयार बताते हुए ढाढस दिया। हमारी ओर से सभी अपनी जगह अपनी पूर्ण क्षमता पर मददगार दिख रहे है, मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूँ कि सबकी शक्तियां अलग अलग होती हैं, अब उनमें अपनी क्षमता का प्रयोग कौन कितना करता है, मूल्यांकन का आधार भी यही होता है। एक कलमकार की हैसियत से इस महामारी में जो अपना जीवन बचाने के अलावा दूसरे के लिए तिल बराबर भी मदद कर रहा है, वो साधुवाद का पात्र है।