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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा परिषद की स्थाई सदस्यता के लिए समर्थन मांगा, फिपिक देश राजी

जयपुर। फोरम फॉर इंडिया-पेसेफिक आइलैंड कॉर्पोरेशन (फिपिक) में हिस्‍सा लेने जयपुर आए 14 देशों के राष्ट्राध्यक्षों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुरक्षा परिषद की सदस्यता के लिए समर्थन मांगा। प्रधानमंत्री ने दूसरे फिपिक समिट का शुभारंभ करते हुए यह समर्थन मांगा। मोदी की मांग पर फिपिक देश राजी थे और समर्थन का वादा किया। समिट में शामिल देशों के राष्ट्राध्यक्ष अब शनिवार को दूसरे दिन सुबह सिटी पैलेस और जंतर मतर पर भ्रमण के बाद जयपुर से रवाना हो जाएंगे।
जयपुर के रामबाग पैलेस में शुरू हुए समिट में मोदी ने कहा, सभी देशों को भारत का पूरा साथ हमेशा मिलता रहा है और रहेगा। सभी फिपिक देशों से यह अपेक्षा है कि वे संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्य बनाए जाने के लिए भारत को वोट करें। भारत को सभी देशों से बहुत उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में फिपिक के लिए बड़ी घोषणा की। उन्होंने भारत की ओर से फिपिक को दिए जाने वाले वित्तीय सहयोग 125 हजार करोड़ डॉलर को बढ़ाकर 200 हजार करोड़ करने की घोषणा की है। इस घोषणा का सभी फिपिक देशों ने स्वागत किया। मोदी ने कहा कि ग्लाेबलाइज वर्ल्ड के अवसर और चुनौतियां पेसेफिक वर्ल्ड तरफ शिफ्ट हो रही हैं। ऐसे फिपिक देशों की जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। सम्मेलन के उद्घाटन से पहले मोदी की मौजूदगी में चार देशों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी हुई।
दिल्ली में खुलेगा ट्रेड ऑफिस
प्रधानमंत्री मोदी ने फिपिक देशों के लिए एक और घोषणा की। उन्होंने दिल्ली में फिपिक ट्रेड ऑफिस खोले जाने की बात कही। मोदी ने कहा कि फिपिक देशों के साथ ट्रेड को सहज किए जाने के लिए यह आफिस मददगार साबित होगा।
देशों से बड़ी उम्मीद
फिपिक सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- दुनिया भले ही आपको छोटा समझे, लेकिन मेरे लिए आप अथाह उम्मीदों वाले समुद्री राष्ट्र हो। देश चाहे छोटा हो या बड़ा विश्व के प्रति उसकी जिम्मेदारी और हिस्सेदारी एक सी रहती है। फिपिक देशों द्वारा भारत को सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता को लेकर दिए गए भरोसे पर मोदी ने कहा- भारत की स्थायी सदस्यता सभी विकासशील देशों के हित में है। उन्होंने फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) में फिपिक ट्रेड ऑफिस की स्थापना की भी घोषणा की।
चुनौतियां भी एक और उम्मीदें भी
मोदी ने कहा- हमारी चुनौतियां भी एक हैं और उम्मीदें भी एक सी ही हैं। हम नए युग के द्वार पर खड़े हैं, जहां समुद्र ही अंतरिक्ष की तरह हमारी अर्थव्यवस्थाओं को आगे ले जाएंगे। समृद्धि देंगे। क्लीन एनर्जी का सपना यहीं से पूरा हो सकता है।मोदी ने फिपिक देशों से साथ सुमुद्री व्यापार को बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत फिपिक देशों में ओशियन रिसर्च सेंटर स्थापित करना चाहता है। इसके लिए भारतीय नौ सेना उनकी मदद करेगी। समुद्री व्यापार को बढ़ाने के लिए भारत अगले साथ दिल्ली में ब्लू इकोनॉमी समिट आयोजित करेगा। इस समिट में सभी फिपिक देशों को आमंत्रित किया जाएगा।
मोदी ने कहा कि हमारा भविष्य अंतरिक्ष और समुद्र से नजदीकी से जुड़ा है। इसलिए इन दोनों क्षेत्रों में ही सहयोग बढ़ाए जाने की जरूरत है। इसके लिए फिपिक देशों में स्पेस टेक्नॉलॉजी एप्लीकेशन सेंटर स्थापित किया जा सकता है।

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