नरसिंहपुर - प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाय) तैयार करने के संबंध में रेडक्रास भवन के सभाकक्ष में निर्माण विभागों के अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में कलेक्टर श्री नरेश पाल ने कहा कि जिले में हर खेत तक पानी और प्रति बूंद ज्यादा फसल लेने (पर ड्राप-मोर क्राप) के लक्ष्य को हासिल करने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री सिंचाई योजना तैयार की जाना है। इसमें कोई भी क्षेत्र छूटना नहीं चाहिए। खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने पर विशेष ध्यान दिया जाए। योजना सभी पहलुओं को सम्मलित कर बनाई जाए, जिससे कि शत्-प्रतिशत सिंचाई क्षमता प्राप्त हो सके। इसके अलावा जिले की अन्य आवश्यकताओं पशु पालन, उद्योग आदि के लिए पानी उपलब्ध रहे। उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक आरईएस के उप यंत्रियों की पहुंच है। प्लान में प्रत्येक गांव को शामिल करते हुए योजना तैयार की जाए। जिला सिंचाई प्लान में सभी बिंदु शामिल हो, इसमें कोई भी पहलु नहीं छूटे। सिंचाई प्लान बनाने में जनप्रतिनिधियों के सुझाव अवश्य शामिल किए जावें। जिले के लिए एक परिपूर्ण जिला सिंचाई प्लान तैयार किया जावे। बैठक में निर्देश दिए कि 18 मार्च तक अपने प्रस्ताव भेंजे। जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी सुश्री प्रतिभा पाल ने कहा कि जिले में जल की उपलब्धता और खपत के आधार पर कार्य योजना बनाई जावे। सतही एवं भू-जल से जुड़े सभी विभाग बेहतर आपसी समन्वय से समय सीमा में कार्य योजना तैयार करें। जिला सिंचाई प्लान उपलब्ध जल संसाधन के सर्वोत्तम तरीके से उपयोग करने के आधार पर तैयार हो। इसके लिए समेकित कार्य योजना पानी से जुड़े सभी विभाग तैयार करें। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतवार उपलब्ध जल संरचनाएं या अन्य संसाधन कितने चालू हालत में हैं और कितनों की जीर्णोद्धार मरम्मत की जाना है को प्लान में शामिल करें। उन्होंने कहा कि ग्राम स्तर पर उपलब्ध परिसंपत्तियों का मूल्यांकन कर लें। उप संचालक कृषि श्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार प्रदेश के सभी जिलों को प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में शामिल किया गया है। यह योजना केवल कृषि विभाग से ही संबंधित नहीं हैं, बल्कि जल के उपयोग से जुड़े सभी विभागों से संबंधित है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य कम से कम पानी में बेहतर कृषि उत्पादन लेना है। अन्य विभागों की जो भी स्कीमें पहले से संचालित की जा रही हैं, उन सभी को इस योजना में शामिल कर आगामी 6 वर्षों की कार्य योजना तैयार की जाना है। बैठक में बताया गया कि हर खेत तक सिंचाई का जल लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने, सभी चलित प्रयासों के अभिसरण की आवश्यकता और उनको एक छतरी के नीचे लाकर स्थान विशेष के अनुसार नवाचार के जरिए वर्तमान प्रयासों के अंतर को पाटने के उद्देश्य से प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना क्रियान्वित की जा रही है। इस योजना में राष्ट्रीय वृहद एवं मध्यम सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण करने में विशेष ध्यान दिया जाएगा। हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए लघु सिंचाई द्वारा नए जल स्रोत का निर्माण, सतही एवं भूमिगत संरचनाओं का निर्माण एवं जीर्णोद्धार किया जाएगा। पुरानी जल संरचनाओं का सुधार एवं नवीनीकरण होगा। कमांड क्षेत्र का विकास कर खेतों तक पानी पहुंचाया जाएगा। अभावग्रस्त क्षेत्र में भूमिगत जल स्रोतों का विकास होगा। जल संरचनाओं का जल प्रबंधन एवं जल वितरण प्रणाली में सुधार कर सूक्ष्म सिंचाई पद्धति द्वारा सिंचाई क्षमता बढ़ाई जाएगी। परंपरागत जल संग्रहण पद्धति को बढ़ावा दिया जाएगा। प्रति बूंद ज्यादा फसल लेने (पर ड्राप-मोर क्राप) का लक्ष्य हासिल करने के लिए ड्रिप, स्प्रिंकलर, रेनगन आदि के जरिए सिंचाई जल का प्रभावी प्रयोग किया जाएगा। सिंचाई क्षेत्र में 40 प्रतिशत सीमा में इनलेट, आउटलेट, सिल्ट ट्रेप आदि का निर्माण होगा। डार्क, ग्रे एरिया को छोड़कर लघुत्तम सिंचाई के तहत नलकूप, कुंआ आदि का निर्माण किया जाएगा। डीजल पम्प, विद्युत पम्प, सोलर पम्प एवं पाइप लाइन के सिस्टम को बढ़ावा दिया जाएगा। जल संरक्षण एवं शस्य क्रियाओं के लिए कृषि विस्तार गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा। सिंचाई प्रबंधन पद्धतियों का और सभी विस्तार कार्यकर्ताओं को पीएमकेएसवाय योजना का प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। जल ग्रहण क्षेत्र विकास के लिए सतही जल का प्रभावी प्रबंधन एवं मिट्टी व नमी संरक्षण गतिविधियों को ड्रेनेजलाइन ट्रीटमेंट पद्धति से उपचारित किया जाएगा। मनरेगा के तहत पूर्ण क्षमता के साथ जल स्रोतों के निर्माण और परम्परागत जल स्रोतों के नवीनीकरण का कार्य किया जाएगा। बैठक में कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा श्री एपी भारद्वाज, कार्यपालन यंत्री एनव्हीडीए श्री बीके सराफ, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवा डॉ. केके द्विवेदी, सहायक संचालक उद्यानिकी, आरईएस, जल संसाधन विभाग के समस्त उपयंत्री, सहायक यंत्री, मनरेगा, वाटर शेड के अधिकारी, एसडीओ वन, जिला समन्वयक जन अभियान परिषद श्री जयनारायण शर्मा और संबंधित विभागों के मैदानी अधिकारी मौजूद थे।