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कॉलेज में ड्रेस कोड को लेकर मंत्री के सामने दो गुटों में जमकर हुआ विवाद

भोपाल। स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री दीपक जोशी के सामने ही कॉलेज के दो गुटों में संघर्ष हो गया। मंत्री राष्ट्रीय सेवा योजना( NSS) के आरियेंटेशन प्रोग्राम में शामिल होने के लिए MVM कॉलेज में आए थे। कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू हो या न हो, इसके लिए बहस चल रही थी। तभी विवाद इतना बढ़ गया कि बात झूमा-झटकी तक पहुंच गई।
यह है पूरा मामला...
सरकारी कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने के लिए गुरुवार को शासकीय मोतीलाल विज्ञान महाविद्यालय में जनमत संग्रह की बात पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीबी) और राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के कार्यकर्ता उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी और प्रोफेसर्स के सामने ही भिड़ गए। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच जमकर झूमा झटकी हुई। एबीवीपी कार्यकर्ता मंत्री से मिलने के लिए नारेबाजी करते हुए एनएसएस कार्यकर्ताओं और प्रोफेसर्स को धक्का देकर कॉलेज के हॉल में चल रहे एनएसएस के ओरियंटेशन प्रोग्राम में घुस गए। उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने मंच से नीचे उतरकर मामले को संभाला और एबीवीपी कार्यकर्ताआें से बात की। मंत्री के मंच से उतरते ही एबीवीपी कार्यकर्ताअों ने उन्हें घेर लिया और ड्रेस कोड सहित अन्य मुददों पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई। कार्यकर्ताओं की शिकायत थी कि एनएसएस के किसी भी आेरियंटेशन प्रोग्राम में अन्य छात्रों को नहीं बुलाया जाता है। इस पूरे घटनाक्रम के दस मिनट बाद ही मौके पर पहुंचे पुलिस बल ने स्थिति सामान्य की।

गुरुवार को कॉलेज में एनएसएस का ओरियंटेशन प्रोग्राम आयोजित किया जा रहा था। इस कार्यक्रम में अलग-अलग कॉलेजाें के चुनिंदा एनएसएस कार्यकर्ताओं को बुलाया गया था। इस कार्यक्रम में अन्य छात्रों का प्रवेश वर्जित रखा गया था। कार्यक्रम शुरू होने के बाद उच्च शिक्षा राज्य मंत्री से मिलने के लिए एबीवीपी कार्यकर्ता बाहर खड़े इंतजार कर रहे थे। लेकिन थोड़ी ही देर बाद अचानक कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर हॉल के अंदर जोर जबरदस्ती कर घुसने की कोशिश शुरू कर दी। पहले तो एनएसएस कार्यकर्ताअों ने उन्हें समझाकर रोकने की कोशिश की लेकिन एबीवीपी कार्यकर्ताअों के नहीं मानने पर प्रोफेसर्स को बाहर आना पड़ा। कार्यक्रम के बाद मिलने की बात पर एबीवीपी कार्यकर्ता हॉल के बाहर ही बैठ गए, लेकिन कुछ ही देर बाद यह कार्यकर्ता प्रोफेसर्स और एनएसएस कार्यकर्ताआें को धक्का देकर हॉल में घुस गए। मंत्री से मांगों के निराकरण का आश्वासन मिलने के बाद ही एबीवीपी कार्यकर्ता हॉल से बाहर निकले।

ड्रेस कोड पर एनएसएस और एबीवीपी में मतभेद
इससे पहले उच्च शिक्षा राज्य मंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कॉलेजों में ड्रेस कोड लागू करने के लिए जनमत संग्रह की बात कही। उन्होंने हॉल में बैठे स्टूडेंटस से पूछा कि कौन इसके पक्ष में हैं, तो ज्यादातर ने अपने हाथ उठा दिए। एनएसएस कार्यकर्ताओं का कहना था कि इससे कॉलेजों में एकरूपता आएगी और छात्रों के बीच कपड़ों को लेकर हीनभावना खत्म होगी। वहीं, कार्यक्रम के बाहर खड़े एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने मंत्री के इस प्रस्ताव का खुलकर विरोध किया। एबीवीपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि शासन का यह कदम एक तरह से छात्रों की आजादी छीनने जैसा है। ड्रेस कोड लागू होने के बाद टेंडर होने शुरू हो जाएंगे। फिर छात्रों पर सिलेक्टेड दुकानों से ड्रेस लेने का दबाव बनाया जाएगा। इसका सीधा असर गरीब छात्रों पर पड़ेगा। एबीवीपी कार्यकर्ता हर्ष चंदेल का कहना है कि यदि ड्रेस कोड लागू ही करना है तो इंजीनियरिंग और प्रोफेशनल कोर्स संचालित काॅलेजों में लागू किया जाए ना कि ऐसे कॉलेजों में जहां गरीब छात्रों की संख्या ज्यादा होती है।

सेमेस्टर सिस्टम और छात्र संघ चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है फ्लॉप
उधर, उच्च शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी ने फिलहाल ड्रेस कोड पर जनमत संग्रह की बात कही है। उनका कहना है कि इस मामले में कोई भी फैसला छात्रों का मत जानने के बाद ही लिया जाएगा। जबकि दूसरी ओर एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने जनमत संग्रह पर ही आपत्ति जताते हुए कहा कि इससे पहले भी मंत्री जी सेमेस्टर सिस्टम और छात्र संघ चुनाव पर छात्रों के बीच वोटिंग कराने की बात कह चुके हैं। लेकिन आज तक इन ज्वलंत मुददों को लेकर कोई वोटिंग नहीं कराई। एबीवीपी का कहना है कि यदि शासन ने कॉलेजों में ड्रेस कोड का प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा।

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