इंदौर। रसूखदारों के दबाव में आकर एसटीएफ ने नौ आरोपियों को कार्रवाई किए बगैर ही छोड़ दिया। इनमें पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की बेटी और स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. मूलचंद हरगुनानी का बेटा भी शामिल है। आरोपियों ने ओएमआर शीट में हेराफेरी कर फर्जी तरीके से मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन लिया था। सीबीआई जांच कर आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज करे। व्हीसल ब्लोअर डॉ. आनंद राय ने इस बारे में सीबीआई और एसटीएफ में शिकायत की है। इसमें कहा है कि फर्जीवाड़े के जरिए 2012 की पीएमटी में सिलेक्ट हुए कुछ परिक्षार्थियों को कार्रवाई किए बगैर छोड़ दिया है। डॉ. राय ने इसकी शिकायत 20 मई 2014 को एसटीएफ एडीजी से भी की थी। शिकायत के साथ उन्होंने हेराफेरी के जरिए चुने अभ्यर्थियों की जानकारी भी दी थी। इसके बावजूद 28 जनवरी 2014 को प्रस्तुत चालान में फर्जीवाड़े के जरिए सिलेक्शन की कोशिश करने वाले 23 अभ्यर्थियों में से सिर्फ 14 को ही आरोपी बनाया गया। शिकायत के बाद बनाया कुछ को आरोपी शिकायत में डॉ. राय ने कहा है कि नौ परीक्षार्थियों को बगैर कार्रवाई छोड़ने के खिलाफ उन्होंने एक आवेदन देकर शेष के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। एसटीएफ ने इसके बाद दिशा सेठिया और निहारिका तिवारी को तो आरोपी बना लिया, लेकिन पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की बेटी अपर्णा और इंदौर में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. हरगुनानी के बेटे देवेश सहित अन्य परीक्षार्थियों को आरोपी नहीं बनाया। मंगलवार को एसटीएफ और सीबीआई से की शिकायत में कार्रवाई से बच गए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है। इनके खिलाफ की थी शिकायत क्र. नाम अनुशंसाकर्ता 1. अनुप्रिया जैन डॉ. अजय जैन 2. अबु मुश्तकी रफीक ड्राइवर 3. आशुतोष ठाकुर डॉ. आशुतोष मेहता 4. यश विजयवर्गीय डॉ. विनोद भंडारी 5. देवेश पिता डॉ. मूलचंद हरगुनानी डॉ. विनोद भंडारी 6. विशाल अग्रवाल डॉ. विनोद भंडारी 7. निहारिका पिता डॉ. राजेंद्र तिवारी डॉ. विनोद भंडारी 8. दिशा पिता डॉ. जितेंद्र सेठिया प्रदीप रघुवंशी (मैनेजर अरबिंदो कॉलेज) 9. अर्पणा पिता लक्ष्मीकांत शर्मा लक्ष्मीकांत शर्मा (पूर्व मंत्री)