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सोलर पॉवर प्लांट का स्थल निरीक्षण करने वल्र्ड बैंक की टीम 19 अगस्त को बदवार पहाड़ पहुंचेगी

रीवा:
दुनिया के सबसे बड़े प्रस्तावित सोलर पॉवर प्लांट का स्थल निरीक्षण करने वल्र्ड बैंक की टीम 19 अगस्त को जिले के बदवार पहाड़ पहुंचेगी। जहां पर प्रोजेक्ट का स्थल निरीक्षण के साथ ही अन्य जानकारियां भी लेगी। बताया गया है कि बदवार पहाड़ में 750 मेगावॉट का सोलर पॉवर प्लांट प्रस्तावित है। जहां पर पूर्व में भी वल्र्डबैंक की टीम ने निरीक्षण किया था और कुछ तकनीकी खामियों के चलते प्रोजेक्ट को आर्थिक सहायता देने से इंकार कर दिया था। इस वजह से केन्द्र सरकार ने भी इस दिशा में प्रयास किया है और इंटर नेशनल फंडिंग कंपनी से सहयोग के लिए कहा है। साढ़े चार हजार करोड़ रुपए की अनुमानित लागत वाले इस प्रोजेक्ट में यदि समय पर काम शुरू हुआ तो आगामी डेढ़ वर्ष के भीतर विद्युत उत्पादन शुरू हो जाएगा।
फायरिंग रेंज की भूमि मिली
प्रस्तावित सोलर पॉवर प्लांट की भूमि पर पूर्व में सेना की फायरिंग रेंज थी। जहां पर एक बार फिर से सेना ने फायरिंग रेंज की भूमि देने की मांग उठाई है। इस बीच मुख्य सचिव से भी सेना के अधिकारी मिले थे। वर्ष1990 में सेना का फायरिंग रेंज के लिए आवंटित की गई 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में से 1288 हेक्टेयर भूमि नवीन तथा नवकरणीय ऊर्जा विभाग को दी गईहै। जिससे भूमि विवाद का मामला सुलझ गया है। इसी के मद्देनजर अब वल्र्ड बैंक की टीम निरीक्षण करने आ रही है। बताया गया है कि बदवार, बरसैता, बरसैता देश, इटार पहाड़, रामनगर आदि गांवों में कुछ ऐसा हिस्सा भी प्रस्तावित प्रोजेक्ट में आ रहा है जहां पर निजी भूमि है। इस मामले में भी अधिग्रहण के लिए शासन को अक्षय ऊर्जा विभाग ने पत्र लिखा है।
80 फीसदी बिजली जाएगी प्रदेश के बाहर
750 मेगावॉट क्षमता वाले सोलर पॉवर प्लांट में उत्पादित बिजली का 80 फीसदी हिस्सा प्रदेश के बाहर के उपभोक्ताओं को दिया जाएगा। जबकि 20 फीसदी बिजली प्रदेश को मिलेगी। जानकारी मिली हैकि प्रदेश के हिस्से के बिजली खपत को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। संभावना जताईजा रही है कि प्रदेश को मिलने वाली बिजली का प्रतिशत बढ़ सकता है।

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