भोपाल(ईन्यूज एमपी)-मध्य प्रदेश के चार लाख से ज्यादा पेंशनर्स को सातवें वेतनमान का एरियर नहीं दिया जाएगा। प्रदेश की वित्तीय स्थिति और अन्य प्राथमिकताओं को देखते हुए वित्त विभाग ने यह फैसला किया है। वहीं, नियमित कर्मचारियों की तरह 50 हजार रुपए एक्सग्रेशिया (अनुग्रह राशि) देने का भी कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। वचन पत्र में पेंशनर्स से जुड़े इन मुद्दों को लेकर यह जवाब वित्त विभाग ने सतना से कांग्रेस विधायक सुखलाल कुशवाह के पत्र के जवाब में दिया है। पेंशनर्स ने कांग्रेस विधायक सुखलाल कुशवाह को ज्ञापन देकर वचन पत्र में शामिल मुद्दों पर सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की थी। कुशवाह ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को पत्र लिखकर पेंशनर्स की मांगों के बारे में पूछा था। मुख्यमंत्री कार्यालय ने वित्त विभाग से जब जानकारी लेकर जवाब भेजा तो पेंशनर्स को तगड़ा झटका लगा। दरअसल, पेंशनर्स को उम्मीद थी कि कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल सातवें वेतनमान के एरियर का भुगतान सरकार देर-सबेर कर देगी, लेकिन वित्त विभाग ने इससे साफ इंकार कर दिया। विभाग ने पत्र के जवाब में कहा कि केंद्र के समान पेंशनर्स को सातवें वेतनमान का लाभ एवं प्रदेश के वित्तीय संसाधान और अन्य प्राथमिकताओं के आधार पर 27 माह का एरियर न देने का निर्णय लिया गया है। नियमित कर्मचारियों की तरह 50 हजार रुपए एक्सग्रेसिया देने का कोई प्रस्ताव विचार में नहीं है। 80 वर्ष की जगह 70 साल की आयु में पेंशन में 20 प्रतिशत की वृद्धि भी नहीं होगी। विभाग का कहना है कि पेंशन में वृद्धि के प्रावधान केंद्र सरकार की तरह है।