इंदौर - प्रदेश के मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा ने कहा कि इंदौर जिले को खुले में शौच से मुक्त करने के लिये चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान की तर्ज पर प्रदेश के अन्य जिलों में भी स्वच्छता अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने इंदौर जिले के स्वच्छता अभियान की मुक्तकंठ से सराहना करते हुये कहा कि यह अभियान आदर्श एवं अभिनव है। मैंने इंदौर जिले के स्वच्छता अभियान के बारे में सुना था और आज उसे स्वयं देखा। मैं इस अभियान से प्रभावित हूं। इस अभियान का विस्तार अन्य जिलों में भी किया जायेगा। मुख्य सचिव श्री एंटोनी डिसा आज अपने इंदौर भ्रमण के दौरान जिले के ग्राम उषापुरा पहुंचे। उनके साथ संभागायुक्त श्री संजय दुबे,कलेक्टर श्री पी.नरहरि,जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री आशीष सिंह, जिला पंचायत के उपाध्यक्ष श्री गोपालसिंह चौधरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि और संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। श्री एंटोनी डिसा ने देपालपुर रोड़ पर बसे इस गांव में स्वच्छता अभियान के तहत हुये कार्यों को देखा, ग्रामीणों से चर्चा की और स्वच्छ शौचालय तथा अभियान के बारे में जानकारी ली। उन्होंने अभियान के तहत हुये कार्यों को घर-घर जाकर देखा। उषापुरा गांव में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मैं इस अभियान से संतुष्ट हूं। मुझे खुशी हो रही है कि इस अभियान का इतना बेहतर क्रियान्वयन इस जिले में किया गया है। इसके लिये इस अभियान से जुड़े सभी अधिकारी, जनप्रतिनिधि, स्वच्छता अभियान के सेनानी, निगरानी दल के सदस्य तथा ग्रामीणजन बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि यह जिला शीघ्र ही खुले में शौच से पूरी तरह मुक्त होकर एक नयी मिसाल कायम करेगा। श्री डिसा ने इस गांव के अनेक घरों का भ्रमण किया। ग्रामीणों से रूबरू चर्चा की। उन्होंने शौचालय देखे तथा इनके निर्माण और उपयोग के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने स्वच्छता अभियान से जुड़े सेनानियों, निगरानी दल के सदस्य आदि से चर्चा की। इस अवसर पर सेनानियों और निगरानी दल के सदस्यों ने अपने अनुभव बताये। उन्होंने बताया कि इस गांव की कुल आबादी 2 हजार है तथा 412 घर हैं। इन सभी घरों में पिछले तीन माह में शौचालय बना दिये गये हैं। शौचालय बनाने के लिये ग्रामीणों को प्रेरित किया गया। शुरूआत में अनेक परेशानियों का सामना हुआ। ग्रामीणों को पहले खुले में शौच जाने से होने वाली हानियों के बारे में बताया गया। बच्चों के सीटी दल बनाये गये। इन बच्चों ने उल्लेखनीय सहयोग देकर ग्रामीणों को खुले में शौच जाने से रोका। पहले ग्रामीणों को समझाइश दी। इसके बाद भी वे नहीं माने तो उनके पानी वाले डब्बे इन बच्चों ने गिरा दिये। प्रेरक दल के सदस्यों ने हर शाम मीटिंग लेकर ग्रामीणों को समझाइश दी। परिणामस्वरूप आज इस गांव में सभी घरों में शौचालय है और कोई भी खुले में शौच नहीं जा रहा है। इस बात की निगरानी निरंतर रखी जा रही है। इस अवसर पर कलेक्टर श्री पी.नरहरि ने मुख्य सचिव श्री डिसा को जिले में चलाये जा रहे स्वच्छता अभियान के संबंध में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गत एक सितम्बर से शुरू किया गया यह अभियान अब अपने अंतिम चरण में है। जिला पूरी तरह खुले में शौच से मुक्ति की ओर अग्रसर हो गया है। इंदौर जिले में स्वच्छता अभियान का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इंदौर जिला प्रदेश में सबसे पहले पूर्ण स्वच्छ जिला बनेगा। इंदौर जिला खुले में शौच से मुक्त होने की दिशा में अग्रसर हो गया है। जिले की कुल 312 पंचायतों में से अधिकांश पंचायतें पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हो गयी हैं। शेष बची कुछ पंचायतें भी आगामी 20 जनवरी तक पूरी तरह खुले में शौच से मुक्त हो जायेगी। जिले को पूर्ण स्वच्छ करने की घोषणा 26 जनवरी तक हो सकती है।