धार - कलेक्टर श्रीमती जयश्री कियावत ने समस्त तहसीलदारों को निर्देशित किया है कि वे अपने स्तर पर शासन संधारित मंदिरों की देवस्थानों की भूमियों के रकबे की जॉच सूक्ष्मता से करावे। यह कार्यवाही जनवरी माह तक पूर्ण करने के लिए पाबंदित किया गया है। निर्देशानुसार समय सीमा में कार्य पूर्ण न होने की दशा में संबंधित तहसीलदार की गोपनीय चरित्रावली पर अथवा संबंधित के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। कलेक्टर श्रीमती कियावत ने बताया कि शासन संधारित देवस्थानों की कमी संबंधी पत्र आयुक्त कार्यालय इन्दौर से प्राप्त हुए है। उन्होने बताया कि प्राप्त पत्रों में अवगत कराया गया है कि तहसीलों में स्थित शासन संधारित मंदिरों की भूमियॉ निजी स्वत्व पर तथा शासकीय योजनाओं में अधिग्रहित की गई है। जानकारी आयुक्त कार्यालय को प्रेषित की गई, जिसकी सूक्ष्मता से जॉच किए जाने पर जिले में स्थित शासन संधारित मंदिरों की देवस्थानी भूमियों की स्थिति निजी स्वत्वों पर एवं शासकीय योजनाओं में अधिग्रहित भूमियों की स्थितियॉ पाई गई। जिले से जानकारी एक्जाई कर भेजने पर 17 मंदिरों की 83.678 हेक्टेयर भूमि निजी स्वत्वों पर दर्ज होना पाई गई। कलेक्टर श्रीमती कियावत ने अपने स्तर पर सूक्ष्म जॉच करने के लिए निर्देशित किया कि देवस्थानों की भूमि निजी नाम पर होने की वैद्यानिकी स्थिति क्या है? प्रत्येक प्रकरण का सूक्ष्मता से परीक्षण कर आवश्यकता होने पर पूर्नविलोकन की अनुमति सक्षम अधिकारी से प्राप्त कर नियमानुसार भूमि वापस मंदिर के नाम दर्ज कराने की कार्यवाही समय सीमा में किए जाने के लिए निर्देशित किया। इसी प्रकार जिले से जानकारी एक्जाई कर भेजने पर 83 मंदिरों की 120.280 हेक्टेयर भूमि शासकीय योजनाओं में उपयोग के कारण कम होना परिलक्षित हुआ है। अधिग्रहित भूमि के मुआवजा संबंधित राशि संबंधित मंदिर के खाते में जमा हुई या नही, यदि जमा नही हुई है तो स्पष्ट विवरण दिया जावे। साथ ही यदि जमा हुई हो तो किस खाते में जमा है, पूर्ण विवरण दिए जाने के लिए भी निर्देश दिए। उन्होने बताया कि इस संबंध में आयुक्त इन्दौर संभाग इन्दौर द्वारा उक्त कार्य में की जा रही प्रगति की समीक्षा मासिक बैठक में की जावेगी, साथ ही राजस्व अधिकारियों की बैठक में भी समीक्षा उनके द्वारा की जावेगी।