भोपाल (मध्य प्रदेश). एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के पूर्व डायरेक्टर डी.एन. शर्मा के घर मंगलवार सुबह लोकायुक्त की टीम ने छापे मारे। लोकायुक्त को शर्मा के पास आय से अधिक जायदाद की जानकारी मिली थी। एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डायरेक्टर रहते हुए शर्मा के करप्शन की शिकायत बैतूल के एमएलए ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से की थी। इसके बाद उन्हें डायरेक्टर की पोस्ट से हटा दिया गया था। लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक 30 साल की नौकरी में शर्मा को करीब 30 लाख रुपए सैलरी मिली लेकिन मंगलवार को मारे गए छापे में शुरुआती दौर में ही उनके पास करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी मिली। भोपाल में उनके डी-19, 74 बंगला और एम्स के पास साकेत नगर में स्थित एमराल्ड पार्क A 116 मकान पर भी लोकायुक्त ने छापे मारे हैं। दीवार कूदकर पहुंची टीम लोकायुक्त सूत्रों के मुताबिक टीम जब सुबह उनके 74 बंगला स्थित मकान पर पहुंची तो मुख्य गेट पर ताला अंदर से लगा था। चार डीएसपी और पांच इंस्पेक्टर स्तर के अफसरों के साथ करीब बीस सदस्यीय टीम को दीवार फांदनी पड़ी। घर में डॉ. शर्मा, उनकी पत्नी प्रमीला, दोनों बेटे गगन, गौरव और बहू कनिका मौजूद थे। कार्रवाई को लेकर सवाल करने पर गौरव ने कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। छापे में क्या मिला छापे में अब तक 3 मकान, 4 लग्जरी गाडिय़ां और करीब 5 करोड़ की संपत्ति का खुलासा हुआ है। चार-पांच कंपनियों के दस्तावेज भी मिले हैं। शर्मा और उनकी फैमिली से प्राइवेट कंपनियों में इन्वेस्टमेंट के बारे में पूछताछ की जा रही है। लोकायुक्त को इस इन्वेस्टमेंट के बारे में अपने सूत्रों से जानकारी मिली थी। लोकायुक्त को शर्मा के दो बैंक लॉकर और 7 अघोषित बैंक अकाउंट (undeclared bank accounts) भी मिले हैं, जिनकी डीटेल्स निकलवाई जा रही है। लोकायुक्त के मुताबिक जांच के बाद कुछ और प्रॉपर्टी और टैक्स चोरी की डीटेल्स सामने आ सकती हैं। रिश्वत मांगने पर हटाए गए थे एग्रीकल्चर डायरेक्टर पोस्ट से एग्रीकल्चर डायरेक्टर रहते हुए शर्मा के खिलाफ लोकायुक्त टीम को काफी शिकायतें मिली थीं, लेकिन तब उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद सितंबर 2014 में बैतूल के विधायक हेमंत खंडेलवाल ने डीएन शर्मा की शिकायत सीधे सीएम शिवराज सिंह चौहान से की थी। इसके बाद शर्मा को डायरेक्टर की पोस्ट से हटा दिया गया था। फिलहाल वे एग्रीकल्चर एंड रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर हैं। बैतूल के एमएलए ने शिकायत की थी कि शर्मा ने एग्रीकल्चर डायरेक्टर रहते हुए शुगर फैक्ट्री की मंजूरी देने के लिए एक प्राइवेट कंपनी से 20 लाख की रिश्वत मांगी थी। इन मामलों में चल रही है डिपार्टमेंटल इंक्वायरी शर्मा के खिलाफ कई मामलों में डिपार्टमेंटल इंक्वायरी चल रही है। इनमें लेनदेन में गड़बड़ी, बजट से ज्यादा राशि खर्च, रिश्वत मामला, बीज अनुदान, फसल प्रदर्शन, फर्टिलाइजर सब्सिडी, कंप्यूटर ऑपरेटर भर्ती और बीज की खरीदी आदि मामले शामिल हैं। मंत्री नरोत्तम मिश्रा के यहां कभी नौकर थे शर्मा शर्मा काफी पहले एमपी में स्वास्थ्य मंत्री और सरकार के प्रवक्ता नरोत्तम मिश्रा के यहां नौकर थे। वो ग्वालियर के पास धौलागढ़ गांव के रहने वाले हैं। उनकी फैमिली काफी गरीब थी। शर्मा धौलागढ़ से बरई आए और यहां नरोत्तम मिश्रा के पास छोटा-मोटा काम करने लगे। बाद में यूपी से इन्होंने MSC किया। बंगला नंबर डी-19 से जुड़े विवाद 74 बंगला स्थित डी-19 में रहने वाले डीएन शर्मा और उनका परिवार 3 महीने पहले ही इस घर में शिफ्ट हुए थे। इससे पहले वे परिवार सहित साकेत नगर में रहा करते थे। शिफ्टिंग के तीन महीने बाद ही लोकायुक्त ने उनके खिलाफ कार्रवाई कर दी। इससे पहले इसी घर में रहने वाले बर्खास्त आईएएस अफसर दंपति अरविंद और टीनू जोशी पर भी लोकायुक्त ने आय से अधिक संपत्ति मामले में कार्रवाई की थी। किसी न किसी कारण से ये बंगला और यहां रहने वाले लोग अक्सर विवादों में रहे हैं।