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रेत खदान नीलामी से पहले दावे-आपत्ति बुलाएगी प्रदेश सरकार....

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- रेत खदान नीलाम करने में जुटे खनिज विभाग को अब पहले दावे-आपत्ति बुलाकर उनका निराकरण करना होगा। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रेत खनन नीति को लागू करने से पहले लोगों का पक्ष जानने के निर्देश सोमवार को मंत्रालय में खनिज विभाग की नीतियों को लेकर बुलाई बैठक में दिए। उन्होंने कहा कि गौण खनिज नीति में भी बदलाव किया जाए। इसमें स्थानीय उद्योगों को प्राथमिकता दी जाए। प्रदेश के खनिज को बाहर प्रोसेसिंग करने की जगह मध्यप्रदेश में यह व्यवस्था बने, इसके प्रयास किए जाएं।

खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल, वित्त मंत्री तरुण भनोत सहित अधिकारियों की बैठक में मुख्यमंत्री ने खनिज नीतियों से जुड़े विषयों पर फीडबैक लिया। इस दौरान उन्हें बताया गया कि नई रेत खनन नीति के अनुसार अगस्त के अंतिम सप्ताह से ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लोगों के दावे-आपत्ति आमंत्रित किए जाएं। इनका निराकरण करने के बाद प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाए। सूत्रों के मुताबिक इस पर वित्तमंत्री ने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लगेगा और नीलामी का काम पिछड़ जाएगा।

अपर मुख्य सचिव वित्त अनुराग जैन ने कहा कि हमें यह प्रक्रिया कर लेनी चाहिए। इससे पूरी व्यवस्था फुल प्रूफ हो जाएगी। इसके लिए सात या 15 दिन का समय रखा जा सकता है। बैठक में इस पर सहमति बनी। अब सुझावों के हिसाब से खदानें नीलाम की जाएंगी।

मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो प्रधानमंत्री योजना के तहत आवास एवं शौचालय बनाते हैं, उन्हें रेत बगैर किसी रॉयल्टी के दी जाए। इसी तरह पारंपरिक रूप से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले अनुसूचित जाति-जनजाति और गरीबी रेखा से नीचे गुजर-बसर करने वालों को स्वयं के उपयोग के लिए एक बार में दस घनमीटर रेत नि:शुल्क कराई जाए। बैठक में मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती, प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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