सतना (ईन्यूज एमपी)-रीवा संभागायुक्त डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने शिक्षकों से कहा है कि उनके पास ज्ञान की ताकत, क्षमता और दक्षता की कमी नहीं है। बस सुप्त अवस्था में पड़े इन घटकों को जगाने की जरूरत है। इससे उनके परीक्षा परिणाम भी अनुकूल होंगे। संभागायुक्त डॉ. भार्गव मंगलवार को यहां शिक्षा में गुणात्मक सुधार हेतु प्राचार्यो एवं प्रधानाध्यापकों की समीक्षा बैठक सह प्रेरणा संवाद कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। संभागायुक्त ने प्राचार्यों से कहा कि शिक्षक एवं छात्र का रिश्ता एक पवित्र रिश्ता होता है। अगर विद्यार्थियों के शिक्षा के मार्ग में कोई कमी आड़े आ रही है, तो शिक्षक उन कमियों को जानने, समझने और उन्हें दूर करने हेतु विद्यार्थियों से क्यों सीधा संवाद स्थापित नहीं करते ? इससे शिक्षक और विद्यार्थी के रिश्ते और मजबूत होंगे तथा यह रिश्ते शिक्षा का स्तर सुधारने में सहायक होंगे। संभागायुक्त ने जिले में बेहतर परीक्षा परिणाम लाने वाले प्राचार्यों को शाल एवं श्रीफल से सम्मानित करते हुए कहा कि जब ये सम्मानित प्राचार्य कम संसाधनों के बावजूद अच्छे परीक्षा परिणाम ला सकते हैं, तो अन्य स्कूलों के प्राचार्य इस तरह के परीक्षा परिणाम क्यों नहीं ला सकते। संभागायुक्त ने कहा कि कम संसाधनों के बावजूद शिक्षक साधना की बदौलत अच्छे परीक्षा परिणाम ला सकते हैं। उन्होंने संसाधनों की कमी की तुलना पहाड़ पर चढ़ने के उपक्रम से करते हुए कहा कि अगर पहाड़ पर चढ़ने से चोट लग जाए तो इसका मतलब यह नहीं है कि पहाड़ पर चढ़ने की चुनौती को ही छोड़ दिया जाए। समुद्र के किनारे लंगर से बंधे जहाज का मन्तव्य लंगर से बंधे रहने से नहीं, बल्कि समुद्र में तूफान के थपेड़ों के बीच से यात्रा पूर्ण कराने से सिद्ध होता है। इसी तरह शिक्षकों का दायित्व है कि वह हर तरह की परिस्थितियों का डटकर सामना करते हुए अपने विद्यार्थियों को अच्छी से अच्छी शिक्षा देना सुनिश्चित करें। संभागायुक्त ने कहा कि शिक्षक ऐसे शिल्पकार हैं जो विद्यार्थियों की प्रतिभा को तराशकर उन्हें काबिल बनाते हैं। शिक्षक अपने विद्यार्थियों का भविष्य सुखद बनाने हमेशा गंभीर एवं तत्पर रहते हैं। संभागायुक्त ने मार्मिक शब्दों में कहा कि बच्चे हमारे राष्ट्र की दौलत हैं, जिसको अच्छे शिक्षक अपने बच्चों की तरह ही संभालते एवं संवारते हैं। संभागायुक्त ने कहा कि अच्छे शिक्षक ना सिर्फ विद्यार्थियों के ज्ञान को बढ़ाते है, बल्कि उनमें जिज्ञासा पैदा करते हैं और जिज्ञासा को शान्त भी करते हैं। शिक्षक का शरीर अवश्य बूढ़ा हो सकता हैं, लेकिन उसकी आत्मा हमेशा जवान बनी रहती है। जिसकी बदौलत वह विद्यार्थियों को सही दिशा देते रहते हैं। संभागायुक्त ने शिक्षकों का आव्हान किया कि वह बेहतर परीक्षा परिणाम लाने के लिए अपने ज्ञान और अनुभव की ऊर्जा का बेहतर ढंग से इस्तेमाल करेगें। उनके प्रयासों से जिले में शत प्रतिशत परीक्षा परिणाम के नये सवेरे का उदय होगा। कलेक्टर डॉ. सत्येन्द्र सिंह ने प्राचार्यों से कहा कि हम स्कूलों में आधारभूत संरचनाएं स्थापित कर शैक्षणिक वातावरण सुधार रहे हैं। लेकिन आप पढ़ाई-लिखाई की व्यवस्था सुधारें। उन्होंने कहा कि स्कूलों में लगे अस्थाई विद्युत कनेक्शनों को स्थाई किया जा रहा है। स्कूलों में सी0सी0 रोड डलवाई जा रही है। अन्य मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। अब शिक्षकों को आत्ममंथन करने की जरूरत है कि वह कैसे अथक मेहनत कर विद्यार्थियों के अच्छे परीक्षा परिणाम सामने लाएं। कार्यक्रम को संयुक्त संचालक लोक शिक्षण श्री अंजनी कुमार त्रिपाठी ने भी सम्बोधित किया। बैठक में जिले के हाई स्कूल एवं हायर सेकेन्ड्री स्कूलों के प्राचार्यों एवं विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने भाग लिया।