भोपाल(ईन्यूज एमपी)- विधानसभा और लोकसभा चुनाव में पराजय मिलने के बाद बसपा ने संगठन में अब निचले स्तर पर भी सर्जरी शुरू कर दी है। प्रदेश अध्यक्ष को बदलने के बाद अब भोपाल व रीवा जोन प्रभारी भी हटा दिए गए हैं, जोन की संख्या छह से बढ़ाकर आठ कर दी गई है। जिला मुख्यालयों पर संगठन की समीक्षा बैठकें भी बुलाई जा रही हैं। बसपा प्रमुख मायावती ने लोकसभा चुनाव में निराशाजनक नतीजे देखने के बाद प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी के स्थान पर रमाकांत पिप्पल को पार्टी की कमान सौंप दी थी। अब जोन और जिलों में सर्जरी का सिलसिला शुरू हुआ है। रीवा जोन प्रभारी रामसखा वर्मा और भोपाल के रामकिशन अहिरवार को हटा दिया गया है और होशंगाबाद एवं बैतूल को नया जोन बनाया गया है। पार्टी की ओर से दावा किया गया है कि सभी आठों जोन की कमान सक्रिय सदस्यों को सौंपी गई है। भोपाल जोन में 27, इंदौर 28, उज्जैन 29 एवं बैतूल में 30 जून को बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों में प्रदेश अध्यक्ष पिप्पल और प्रदेश प्रभारी रामजी गौतम भी मौजूद रहेंगे। इनके अलावा जुलाई प्रथम सप्ताह में ग्वालियर, जबलपुर, सतना और छतरपुर जिले में पदाधिकारियों की बैठक में निचले स्तर तक के कार्यकर्ताओं को बुलाया है। उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव में बसपा का जनाधार तेजी से खिसक चुका है। पार्टी को अब राष्ट्रीय दल की मान्यता समाप्ति की चिंता सताने लगी है, इसलिए वह अब नए सिरे से जिला स्तर पर संगठन को सशक्त बनाने में जुटी है। नवंबर 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान बसपा ने दावा किया था कि वह प्रदेश में तीसरी ताकत बनकर उभरेगी और सत्ता की चाबी उसके हाथ में रहेगी। हालांकि चुनाव में उसे निराशा हाथ लगी और पार्टी की सीटें बढ़ने के बजाय चार से दो ही रह गईं। लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के साथ चुनावी गठबंधन किया, लेकिन दोनों ही दलों का प्रदेश में खाता भी नहीं खुल पाया।