रीवा(ईन्यूज एमपी)-किसान अपने खेत की फसलों को काटने के बाद बचे हुए अवशेष (नरवाई) को जलाना प्रारंभ कर देते हैं। इसके कारण जमीन की ऊपरी सतह में विद्यमान कृषि के लिये लाभकारी जीवाणु नष्ट हो जाते हैं। साथ ही खेत की मिट्टी की ऊपरी परत कड़ी हो जाती है जो धीरे-धीरे बंजरता की ओर बढ़ने लगती है। इस संबंध में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने जिले के किसानों से अपील करते हुए कहा है कि किसान किसी भी स्थिति में नरवाई नहीं जलायें। इससे कृषि पर तो प्रभाव पड़ता ही है पर्यावरण को गंभीर नुकसान पहुंचता है। उन्होंने कहा कि किसान नरवाई को जलाने के बजाय इसका उपयोग जैविक खाद भू-नाडेप एवं वर्मी कम्पोस्ट आदि बनाने में करें।