इंदौर(ईन्यूज एमपी)- कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के आखिरकार मंगलवार रात अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान कर दिया। लेकिन भाजपा ने अब तक पत्ते नहीं खोले हैं। इस बीच इंदौर से टिकट के सबसे मजबूत दावेदार कैलाश विजयवर्गीय ने एक ट्वीट करके चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। आज सुबह उन्होंने ट्वीटर के जरिए अपने चुनाव न लड़ने की जानकारी दी। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लिखा कि, इंदौर की जनता,कार्यकर्ता व देशभर के शुभचिंतकों की इच्छा है कि मैं LS चुनाव लड़ूं,पर हम सभी की प्राथमिकता समर्थ,समृद्ध भारत के लिये नरेंद्र मोदी को एक बार फिर PM बनाना है। पश्चिम बंगाल की जनता मोदीजी के साथ खड़ी है, मेरा बंगाल में रहना कर्तव्य है,अतः मैंने चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया है। आशा है कि आप भी देशहित एवं पार्टीहित के मेरे निर्णय से सहमत होंगे व पार्टी जिन्हें भी प्रत्याशी बनायेगी,उनकी जीत के लिये, जी जान से जुट जायेंगे मेरी न सिर्फ इंदौर बल्कि पूरे देश के मतदाताओं से विनती है, कि NDA जैसी मजबूत सरकार एवं मोदीजी जैसे मजबूत PM के लिए मतदान करें। यही विनय। इतना ही नहीं अपने चुनाव न लड़ने के फैसले के पीछे उन्होंने पार्टी सिद्धांत का भी हवाला दिया। उन्होंने लिखा कि, BJP के प्रत्येक कार्यकर्ता का सिद्धांत है Nation First-Party Second-Self Last। जहां सवाल देशहित और पार्टी हित का हो वहाँ स्वयं का कोई महत्व नहीं रह जाता हमारे सामने पश्चिम बंगाल में पार्टी को अधिकाधिक सीटें जिताने का लक्ष्य है,यह लक्ष्य जितना बड़ा है उतनी ही बड़ी चुनौती भी है। बता दें कि पार्टी के 75 बरस के फॉर्मूले के बाद आठ बार की सांसद सुमित्रा महाजन ने एक चिठ्ठी लिखकर अपने चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद उनके बेटे को उम्मीदवार बनाने के लिए मराठी समाज ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को चिठ्ठी लिखी थी। वहीं कई और नाम भी इस रेस में चल रहे थे। इसमें शहर की महापौर मालिनी गौड़, पूर्व महापौर कृष्णमुरारी मोघे, गोपी नेमा के अलावा कैलाश विजयवर्गीय के नाम को लेकर भी चर्चा चल रही थी। लेकिन विजयवर्गीय ने आज ट्वीट करके चुनाव न लड़ने की बात कहकर फिर से पेंच फंसा दिया है। ऐसे में अब पार्टी किसे टिकट देती है, ये देखने वाली बात होगी।