भोपाल (ईन्यूज एमपी)- मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कांग्रेस सरकार के निशाने पर आ गए हैं। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने उनके विधानसभा क्षेत्र रहली के बहाने भार्गव के खिलाफ जांच खोल दी है। विभाग के मंत्री कमलेश्वर पटेल ने अधिकारियों को आधा दर्जन से ज्यादा बिन्दुओं पर जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। जांच के दायरे में गढ़ाकोटा में होने वाले रहस मेले में रोजगार मेला और महिला सम्मेलन में हर साल लाखों रुपए का दुरुपयोग, प्रशिक्षण और भर्ती में गड़बड़ी के साथ प्रधानमंत्री आवास योजना में अपात्रों के चयन को रखा है। सूत्रों के मुताबिक जन अभियान परिषद के बाद सरकार के निशाने पर राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन है। कांग्रेस तत्कालीन शिवराज सरकार पर मिशन के अंतर्गत आने वाले स्व-सहायता समूहों के जरिए सियासत करने का आरोप लगाती आई है। कांग्रेस सरकार आने के बाद से मिशन की गतिविधियों को लेकर शिकायतें मिल रही थी। विभागीय मंत्री ने इनको लेकर जांच के आदेश दिए हैं। इस पर राज्य स्वच्छता मिशन ने सागर कलेक्टर से शौचालय निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को लेकर रिपोर्ट मांग ली है। बता दें कि भार्गव के गृह क्षेत्र गढ़ाकोटा में हर साल रहस मेले का बड़े पैमाने पर आयोजन होता है। मंत्री ने इन बिन्दुओं दिए जांच के आदेश - स्कूली छात्रों की ड्रेस बनाने का काम वास्तविक स्व-सहायता समूह की जगह दूसरी संस्थाओं से कराना। - रहस मेले में रोजगार मेला में राशि का दुरुपयोग। - आजीविका मिशन रहली के सामुदायिक प्रशिक्षण केंद्र में भ्रष्टाचार। - रहस मेला में रोजगार मेला व महिला सम्मेलन के नाम पर हर साल 50 लाख रुपए का दुरुपयोग। - आजीविका मिशन के तहत रहली में गलत तरीके से नियुक्ति करना। - मिड डे मील समूहों में जाति विशेष के लोगों को काम देकर भ्रष्टाचार करना। - प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास में अपात्रों का चयन करना। - समग्र स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय निर्माण में भ्रष्टाचार।