जबलपुर(ईन्यूज एमपी)- भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी कैंपों किए गए हमलों में जिन बमों का इस्तेमाल किया वह जबलपुर की आयुध निर्माण फैक्ट्री में बनाए जाते हैं। खमरिया की फैक्ट्री में 1000 Ponder बमों का निर्माण 12 वर्षों से किया जा रहा है। आयुध निर्माण खमरिया के कर्मचारी पुलवामा आतंकी हमले के बाद लिए गए इस बदले से बहुत खुश हैं। उन्हें इस बात का भी गर्व है कि उनके बनाए बमों ने आतंकी कैंपों को खत्म कर दिया। यह भी बताया जा रहा है कि वायुसेना ने लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल इस हमले में किया। यह बम इजराइली तकनीक पर बनाए गए हैं। कारगिल युद्ध में भी इन्हीं लेजर गाइडेड बमों का इस्तेमाल पहली बार किया गया था। इसमें लेजर के जरिए पहले टारगेट सेट किया जाता है फिर बम उन्हीं टारगेट पर गिरते हैं। बीती रात करीब 3.30 बजे भारतीय सेना के 12 लड़ाकू विमानों ने पाकिस्तान सीमा में प्रवेश किया और 1000 किलो बम गिराए, जिससे जैश का मुख्यालय तहस-नहस हो गया। 200 से ज्यादा आतंकियों के मारे जाने की खबर है। भारतीय सेना ने मिराज 2000 फाइटर जेट से इस हमले को अंजाम दिया है। जो आतंकी कैंप तबाह हुए हैं, वह जैश का हैं। पाकिस्तान की ओर से भी भारतीय सेना की इस कार्रवाई की पुष्टि की है। पाकिस्तान को जब तक भनक लगती और उसके लड़ाकू विमान कोई एक्शन लेते, भारतीय सेना अपना काम करके लौट चुकी थी।