भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मनरेगा की तर्ज पर शहरी युवाओं को रोजगार देने की युवा स्वाभिमान योजना में मंगलवार से पंजीयन शुरू होंगे। इसमें युवाओं को पहले दस दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा। उसके बाद 90 दिन तक संबंधित क्षेत्र में काम और प्रशिक्षण साथ-साथ चलेगा। कैबिनेट ने हाल में इस योजना को मंजूरी दी है। योजना के अनुसार इसके लिए युवाओं को www.yuvaswabhimaan.mp.gov.in पोर्टल या संबंधित एप पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। 20 फरवरी को 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर काम का आवंटन और चयनित नगरीय निकाय दिया जाएगा। 21 फरवरी से 5 मार्च तक उन्हें आठ घंटे प्रशिक्षण मिलेगा। प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने पर प्रतीक्षा सूची वालों को दूसरे बैच में मौका दिया जाएगा। नगरीय निकाय ऐसे कामों की सूची तैयार करेंगे, जो निर्माण कार्य या सेवा से जुड़े हों और उनमें अस्थाई रोजगार की संभावना हो। प्रशिक्षण के बाद 6 मार्च से 90 दिन तक युवाओं को नगरीय निकाय में प्रति दिन 4 घंटे काम और 4 घंटे संबंधित काम का प्रशिक्षण दिया जाएगा। न्यूनतम उपस्थिति अनिवार्य : युवा स्वाभिमान योजना में शामिल युवाओं के लिए न्यूनतम उपस्थिति अनिवार्य की गई है। काम में न्यूनतम 33 प्रतिशत और प्रशिक्षण में न्यूनतम 70 फीसदी उपस्थिति जरूरी होगी। इसके बाद ही वे स्टायपेंड के लिए पात्र होंगे। बताया गया है कि उपस्थिति के आधार पर ही उन्हें भुगतान होगा। प्रतिदिन लगभग 134 रुपए दिए जाएंगे, जो पहली बार 10 और फिर 30 दिन के बाद सीधे खाते में जाएंगे। उच्च-स्तरीय परिचालन समिति गठित : राज्य शासन ने युवा स्वाभिमान योजना से संबंधित नीतिगत निर्णय लेने और प्रावधानों को संशोधित करने के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च-स्तरीय परिचालन समिति का गठन किया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी किया है। परिचालन समिति में आयुक्त नगरीय प्रशासन एवं विकास सदस्य सचिव होंगे। अपर मुख्य सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, प्रमुख सचिव वित्त, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास तथा प्रमुख सचिव, तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास को समिति का सदस्य बनाया गया है। योजना के लिए पात्रता शहरी क्षेत्र के निवासी हों। 1 जनवरी 2019 को उनकी आयु 21 से 30 वर्ष के मध्य हो । परिवार की वार्षिक आय दो लाख रुपए से कम हो । महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण गारंटी योजना में जॉब कार्डधारी न हों।