इंदौर(ईन्यूज एमपी)- मामा की दुकान से शनिवार रात स्कूटर पर घर के लिए निकले युवक का शव रविवार सुबह मोती तबेला स्थित उर्दू स्कूल में मिला। चाकू मार और सिर कुचलकर बदमाशों ने उसकी हत्या कर दी। घर नहीं पहुंचने पर मां और भाई उसे तलाशते हुए मामा के घर गए थे। उसकी गाड़ी नीचे खड़ी देखकर दोनों लौट आए थे। सुबह समय पर दुकान नहीं पहुंचने पर मामा ने बहन से फोन पर उसकी जानकारी मांगी। परिजन को युवक का शव मिलने की जानकारी पुलिस से पता चली। रावजी बाजार पुलिस के मुताबिक, रविवार सुबह उर्दू स्कूल परिसर में करण (27) पिता सुनील पारखे निवासी डॉक्टर कॉलोनी नंदानगर का शव पड़ा मिला था। उसके शरीर पर चाकू के दस से अधिक वार किए गए थे। हत्या करने के बाद शव को घसीटकर दूसरे स्थान पर पटक दिया गया था। शव के पास ईंट के टुकड़े मिले हैं। इससे लग रहा है कि बदमाशों ने उसके सिर पर ईंट से हमला किया है। घटना की सूचना पर छत्रीपुरा टीआई संतोष यादव व रावजी बाजार थाने के एसआई एसएस बघेल और सिद्धार्थ शर्मा मौके पर पहुंचे। पूछताछ में पता चला कि करण मामा महेंद्र की गंगवाल बस स्टैंड स्थित ऑटो मोबाइल की दुकान पर काम करता था। मामा ने अपने बेटे की मौत के बाद तीन साल पहले उसे दुकान पर नौकरी पर रख लिया था। शनिवार रात 10 बजे करण घर जाने के लिए मामा की एक्टिवा लेकर निकला था। गाड़ी का लॉक नहीं खुलने पर मामा की गाड़ी ले गया था मामा ने बताया कि करण की स्कूटर स्टार्ट नहीं हो रही थी, इसलिए खुद की गाड़ी देकर घर भेजा था। शाम को उसे पांच हजार रुपए वेतन के दिए थे। करण की मां नीलिमा और भाई तरुण ने बताया कि जब वह रात को घर नहीं आया तो करीब 1 बजे उसे तलाशते हुए मामा के घर गए थे। उसकी एक्टिवा वहां खड़ी देख सोचा कि वह मामा के घर ही सो गया होगा। रविवार सुबह करीब 9 बजे जब करण दुकान नहीं पहुंचा तो मामा ने फोन लगाया। इस पर बहन ने बताया था कि वह रात से घर नहीं आया है। इसके बाद करण को फोन किया, लेकिन मोबाइल बंद मिला। कुछ देर बाद पुलिस के जरिए करण का शव मिलने की जानकारी पता चली। करण के पिता बीमा अस्पताल में नौकरी करते हैं। करण के पास पांच हजार रुपए, 20 हजार रुपए कीमत का मोबाइल और एक्टिवा गाड़ी थी। तीनों चीज घटना स्थल पर नहीं मिली। मामले में 25 से अधिक संदेहियों को हिरासत में लिया है। चार से अधिक बदमाशों के शामिल होने का पता चला है।