भोपाल(ईन्यूज एमपी)- पंचायतों की मतदाता सूची बनाने में अब लापरवाही बरतना भारी पड़ सकता है। दोषी अधिकारी या कर्मचारी को दो साल की जेल हो सकती है। इसको लेकर प्रदेश सरकार ने मध्यप्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम में संशोधन कर दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग हर साल जनवरी में मतदाता सूची का पुनरीक्षण करता है। इसमें कोई अधिकारी लापरवाही बरतता है तो उसे जेल की सजा तक हो सकती है। पहले यह प्रावधान नहीं था पर काम की महत्ता को देखते हुए सरकार ने अधिनियम में यह संशोधन किया है। साधारण कारावास की सजा तीन माह से कम नहीं होगी। यह अधिकतम दो साल हो सकेगी। इसमें जेल और जुर्माने, दोनों की सजा भी मिल सकती है। कोई भी न्यायालय तब तक अपराध का संज्ञान नहीं लेगा, जब तक राज्य निर्वाचन आयोग, कलेक्टर या कोई अधिकृत अधिकारी लिखित में शिकायत नहीं करता है।