भोपाल(ईन्यूज एमपी)- रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की परीक्षाएं भी सरकार की आय का बड़ा जरिया बन चुकी हैं। बेरोजगारों से परीक्षा के नाम पर बोर्ड जो फीस वसूलता है वो 2013-14 में मात्र नौ करोड़ हुआ करती थी, 2018 तक यही राशि बढ़कर 900 करोड़ तक पहुंच गई है। इस आय को बोर्ड ने अमाउंट कलेक्शन कहा है। 2013 तक परीक्षा फीस 60 रुपए ली जाती थी जो 2016 में 500 रु. कर दी गई। इसमें एक शर्त रखी गई कि जो बेरोजगार परीक्षा में शामिल होंगे, उन्हें 400 रुपए वापस किए जाएंगे, जो शामिल नहीं होंगे उनकी फीस वापस नहीं होगी। बोर्ड ने परीक्षा फीस में साल दर साल बढ़ोतरी की। 2015 तक एससी-एसटी और महिला उम्मीदवारों से फीस नही ली जाती थी, लेकिन 2018 में इनसे भी 250 और बाकी सभी से 500 रुपए लिए गए।