बालाघाट/बिरसा(ईन्यूज एमपी)- बिरसा तहसील से 5 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत सुरवाही सहित अन्य तीन गांवों में शराबबंदी का बीड़ा 9 स्व सहायता समूहों की 150 आदिवासी महिलाओं ने उठाया है। समूह की महिलाएं 10-10 का ग्रुप बनाकर घर-घर दस्तक दे रहीं है और देख रहीं है कि कोई शराब बना या फिर पी तो नहीं रहा है। शराब बनाने वालों पर 2 हजार व पीने वाले पर एक हजार रुपए का जुर्माना भी लगाना तय किया गया है। ये महिलाएं भ्रमण के दौरान महिलाओं को अपने रोजगार से जोड़ने के लिए आग्रह भी करती हैं। रंग लाई महिलाओं की मेहनत स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि 18 दिसंबर से ग्राम बड़ी सुरवाही, ग्राम छोटी सुरवाही व ग्राम शाखा में शराबबंदी का अभियान शुरू किया और इसका असर यह रहा कि गांव में काफी स्तर तक शराब बंद हो गई। रोजाना 10-10 के 15 ग्रुप तैयार करके घर-घर जाकर 'शराब बनाया या पीया तो खैर नहीं" का नारा देकर शराब से होने वाले दुष्परिणाम से अवगत कराया जा रहा है। इस बीच यदि कोई पुरुष विवाद करते हैं तो उन्हें तत्काल पुलिस के हवाले करने की चेतावनी भी दे रही हैं। ग्राम सभा में रखी थी मांग महिलाओं का कहना है कि वर्षों से ग्राम के लोग नाले, डबरा या फिर गंदे पानी से शराब बनाकर बेच रहे थे। शराब पीने से रोजाना लोगों के घरों में विवाद और परिवार बिखर रहे थे। कई लोग शराब पीने से बीमार होने से इलाज करवाने पैसे नहीं रहने से उनके यहां की महिलाएं परेशान रहने लगी थी। इसी के चलते 24 दिसंबर को पंचायत में ग्राम सभा बुलाकर सरपंच सचिव की मौजूदगी में शराब बनाने व पीने वालों को सरकारी योजनाओं से वंचित रखने की मांग रखी गई। जिसके बाद बिरसा थाना प्रभारी को एक शिकायत पत्र देकर शराबियों के हुडदंग से मदद करवाने की भी मांग की। तीन गांवों में है 54 सौ की आबादी - ग्राम बड़ी सुरवाही 200 मकान 16 सौ आबादी। - ग्राम शाखा 250 मकान 18 सौ की आबादी। - ग्राम छोटी सुरवाही 300 मकान 2000 की आबादी।