enewsmp.com
Home मध्य प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, 15 साल बाद सदन में दिखेगा बदला हुआ नजारा...

विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से, 15 साल बाद सदन में दिखेगा बदला हुआ नजारा...

भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्य प्रदेश विधानसबा का शीत कालीन सत्र आज से शुरू हो रहा है। सत्र की शुरूआत वन्दे मातरम के गान के साथ होगी। इस संबंध में सभी विधायकों को विधानसभा सचिवालय ने सूचना जारी कर दी। विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर विधायकों को शपथ दिलाएंगे। इस बार सदन का नजारा बदला दिखेगा। 15 साल बाद विपक्ष में बैठे दिखेंगे। इसके सदस्यों के हिसाब से सदन की बैठक व्यवस्था में बदलाव किया गया है।

विधानसभा सचिवातल की और से विधायकों को जारी की गई सूचना में 7 जनवरी को प्रात: 11 बजे सभा वेश्म में उपस्थित होने का आग्रह किया गया है। वंदे मातरम् के बाद सदन की कार्यवाही शुरू हो जाएगी। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर 229 विधायकों को शपथ दिलाएंगे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम देर शाम तक चलेगा।

कांग्रेस-भाजपा विधायक दल की बैठक: कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात मुख्यमंत्री के निवास पर होने वाली है। इसमें पार्टी के समर्थन देने वाली बसपा के दो और समाजवादी पार्टी के एक विधायक सहित चार निर्दलीय विधायकों को भी आमंत्रित किया गया है। सोमवार को भाजपा विधायक दल की बैठक शाम पांच बजे भाजपा कार्यालय में होगी। इसी में विपक्ष का नेता कौन होगा इस पर फैसला होगा। बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता विनय सहस्त्रबुद्धे मौजूद रहेंगे।

आठ को राज्यापाल का अभिभाषण : 8 जनवरी को विधानसभा में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। परम्परा है कि नई सरकार के पहले विधानसभा सत्र में राज्यपाल का अभिभाषण होता है। 8 जनवरी को होने वाले अभिभाषण में कांग्रेसनीत सरकार को मिले जनादेश का उल्लेख होगा। चूंकि अभी सरकार को बने कुछ ही समय हुआ है, इसलिये इसमें उसकी उपलब्धियों का बखान कम ही होगा। अभिाभषण में किसानों का कर्ज माफ किये जाने और कन्या विवाह योजना में अनुदान राशि 51 हजार रुपये किये जाने का विशेष उल्लेख होगा। अब की बार का अभिभाषण ठीक वैसा ही होगा जैसा वर्ष 2003 में भाजपा सरकार आने पर हुआ था। तत्कालीन भाजपा सरकार का पहला अभिभाषण 16 दिसम्बर 2003 को हुआ था जिसमें तत्कालीन राज्यपाल रामप्रकाश गुप्त ने कहा था कि मेरी सरकार को प्रदेश की जनता ने जो व्यापक जनादेश दिया है, वह जनसामान्य की इच्छाओं, आकांक्षाओं और अपेक्षाओं का प्रतीक है। इस अभिभाषण में पूर्ववर्ती दिग्विजय सिंह के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की आलोचना की गई थी कि पिछले एक दशक में प्रदेश में बिजली, सडक़ और पानी जैसी अधोसंरचनाओं के क्षेत्रों में विकास सर्वाधिक उपेक्षित रहा है। बिजली और सडक़ों को लेकर जहां जनसामान्य में व्यापक असंतोष है वहीं विकास के कार्यक्रम भी आकार नहीं ले पा रहे हैं।

हो सकता है मंत्रीमंडल का विस्तार: कांग्रेस के सूत्रों के अनुसार सत्र के बीच में मंत्रीमंडल का विस्तार हो सकता है। तीन विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है। इसमें बुरहानपुर से निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा और बसपा के दो विधायकों में से एक तथा एक निर्दलीय विधायक को मंत्री बनाया जा सकता है।

Share:

Leave a Comment