भोपाल(ईन्यूज एमपी)- मध्यप्रदेश सरकार ने किसानों की कर्जमाफी योजना को कैबिनेट में मंजूरी दे दी है। किसानों का 1 अप्रैल 2017 से 12 दिसंबर 2018 तक का कर्ज माफ किया जाएगा। पहले 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ करने का ऐलान किया गया था। ताजा फैसले से 35 लाख किसानों को फायदा मिलेगा। हालांकि, आयकर भरने वाले किसानों (जिनके आय के दूसरे स्रोत भी हैं और टैक्स भरते हैं) का कर्जा माफ नहीं होगा। कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में मंत्री जीतू पटवारी ने बताया कि इसमें सीमांत और लघु किसानों को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में यह पहली ऐसी ऋण माफी योजना है, जो किसी राज्य सरकार ने लागू की है। कर्जमाफी योजना के क्रियान्वयन के लिए विकास खंड के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) जिम्मेदार होंगे। 22 फरवरी से ऋण मुक्ति के प्रमाणपत्र और किसानों के खाते में पैसा भेजा जाएगा। बैंको में लगाई जाएगी कर्जमाफी के पात्र किसानों की सूचियां किसानों का 1 अप्रैल 2007 से 12 दिसंबर 2018 तक का कर्ज माफ होगा। 26 जनवरी तक तीन तरह के फाॅर्म सभी राष्ट्रीयकृत, सहकारी और ग्रामीण बैंकों में उपलब्ध कराए जाएंगे। इनका रंग गुलाबी, सफेद और हरा होगा। इसके साथ ही कर्जमाफी के पात्र किसानों की सूची भी संबंधित बैक के बाहर लगाई जाएगी। 26 जनवरी से किसानों को किसी एक रंग का फॉर्म भरना होगा। हरा फॉर्म आधार से लिंक किसानों के लिए होगा। सफेद फॉर्म गैर आधार वाले किसान के लिए होगा, लेकिन इनके पास पहचान के कोई दूसरा दस्तावेज होगा। गुलाबी फॉर्म उन किसानों के लिए होगा जिनके पास ना तो आधार है ना ही कोई अन्य पहचान का दस्तावेज। उन्हें भी कर्जमाफी में शामिल किया जाएगा। 5 फरवरी तक ग्राम पंचायतों में ये फाॅर्म बांटे जाएंगे। 22 फरवरी से किसानों के खाते में जाएगा पैसा, ऋण मुक्ति के प्रमाणपत्र बांटे जाएंगे। कर्जमाफी में लघु, सीमांत किसानों को मिलेगी प्राथमिकता मिलेगी। कैबिनेट में ये फैसले भी हुए ग्वालियर व्यापार मेला में रोड टैक्स पर 50% छूट का प्रस्ताव मंजूर। 12 से 15 हजार करोड़ रुपए के प्रथम अनुपूरक बजट पर चर्चा हुई। सामाजिक सुरक्षा पेंशन 300 से 1000 रुपए करने पर विचार। इस पर 1200 करोड़ रुपए हर साल का खर्च अनुमानित। संबल योजना के तहत हितग्राही को 1 रुपए/यूनिट की दर से 100 यूनिट तक बिजली देना प्रस्तावित।