भोपाल(ईन्यूज़ एमपी) - मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस ने कमलनाथ के नाम की घोषणा मुख्यमंत्री पद के लिए की थी। उससे पहले वह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए थे। उनके सीएम बनने के बाद प्रदेश में कई नाम प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सामने आए। लेकिन अब कांग्रेस ने कुछ हद तक इस बारे में रुख साफ कर दिया है। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने बताया कि जिनको पार्टी लोकसभा में टिकट देगी वह प्रदेश अध्यक्ष नहीं बनाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जिनको प्रदेश अध्यक्ष की कमान मिलेगी वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। जो जनता का प्रतिनिधित्व करेंगे उन्हें पार्टी से पद त्यागना होगा। बता दें प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही मुख्यमंत्री बनाए जा चुके हैं। चार में से दो कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी और बाला बच्चन भी कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। फिलहाल पार्टी के सामने सबसे बड़ा लक्ष्य है लोकसभा चुनाव में प्रदेश से ज्यादा से ज्यादा सीट जीतना। अभी कांग्रेस के पास सिर्फ तीन लोकसभा सांसद हैं। जिनमें छिंदवाड़ा से कमलनाथ और गुना-शिवपुरी से ज्योतिरादित्य सिंधिया और झाबुआ संसदीय क्षेत्र से कांतिलाल भूरिया हैं। प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया के बयान के बाद अब राजनीतिक सियासत गर्मा चुकी है। उनके इस बयान से यह तो साफ हो गया है की ज्योतिरादित्य सिंधिया जो प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में लगे हुए थे उन्हें पार्टी ने रास्ता तो दिखा दिया कि आप लोकसभा की तैयारी करें। वहीं कांग्रेस के पास पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल के अलावा कोई अन्य कद्दावर वह मजबूत चेहरा प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए दिखाई नहीं दे रहा है। अब ऐसे में अजय सिंह राहुल का प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है।