रायपुर(ईन्यूज एमपी)- राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कांग्रेस के जन घोषणा पत्र को अमल में लाना शुरू कर दिया है। सरकार बनने के पहले दिन ही किसानों का कर्ज माफ और बोनस बढ़ाने की घोषणा के बाद सीएम ने विभागीय सचिवों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक ली और उन्हें जन घोषणा पत्र की प्रति दिखाते हुए इन्हें पूरा करने के लिए नियम और अधोसंरचना तैयार करने की बात कही। बुधवार की बैठक के बाद अब गुरुवार को मुख्य सचिव अजय सिंह मंत्रालय में अपर मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों, सचिवों और स्वतंत्र प्रभार वाले विशेष सचिवों की बैठक लेंगे। इस बैठक में शिक्षाकर्मियों, कर्मचारियों, दैनिक वेतनभोगी, नर्सिंग, आंगनबाड़ी व संविदाकर्मियों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा बिजली व किसानों से जुड़े मुद्दों पर भी बातचीत होगी। यह बैठक दोपहर 12 बजे मंत्रालय स्थित मुख्य सचिव के कार्यालय में होगी। कांग्रेस ने अपने जन घोषणा पत्र में किसानों के साथ ही शिक्षा कर्मियों, कर्मचारियों से कई वादे किए हैं। इनमें उनकी सेवा से जुड़ी विसंगतियों को दूर करने के लिए सरकार ने उपयुक्त ढ़ांचा तैयार करने की बात कही है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में आउटसोर्सिंग से शिक्षकों की नियुक्ति को समाप्त करने की बात भी कही गई है। कांग्रेस ने वादा किया है कि दो वर्षों में परीविक्षा अवधि पूर्ण कर चुके सभी शिक्षाकर्मियों का संवलियन कर दिया जाएगा। इसके साथ ही 1998 से नियुक्त जिन शिक्षाकर्मियों की पदोन्नति 2018 नहीं मिली है, उन्हें क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाएगा। वहीं कर्मचारियों को चार स्तरीय वेतनमान देने, 7वें वेतनमान के एरियर्स को 3 किश्तों में देने, लंबित डीए के भुगतान का भी वादा किया गया है। इसके साथ ही तृतीय और चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों का वेतन बढ़ाने का वादा शामिल है। वहीं सीपीएस की ओर से मूल वेतन में 10 प्रतिशत योगदान दिये जाने, लंबित अनुकंपा नियुक्ति देने, सीपीएफ पर विचार कर 2004 के पूर्व जो पेंशन योजना थी, उसे वापस लागू करने जैसी बातें शामिल हैं। कांग्रेस ने वादा किया था कि अगर उनकी सरकार आई तो 50 हजार शिक्षकों के पदों को भरा जाएगा। आंगनबाड़ी केंद्रों को प्री पाइमरी स्कूल में अपग्रेड करने के साथ-साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को कलेक्टर दर पर वेतन दिए जाने की बात भी कांग्रेस के जन घोषणा पत्र में शामिल है। साथ ही अंग्रेजी विषय को प्राइमरी स्तर से ही पढ़ाने की बात कांग्रेस ने कही थी।