भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- कल 9 नवबंर को प्रदेश में नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है। कांग्रेस पार्टी अब तक 211 नाम तय कर चुकी है। वहीं भाजपा की दो सूची में 193 घोषित कर चुकी है। इसमें बड़वानी की राजपुर सीट के प्रत्याशी देवीप्रसाद पटेल के निधन होने के चलते अभी 38 नाम अटके हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय ने दिवाली से पहले सभी नामों की घोषणा होने का दावा किया था। लेकिन, इंदौर में उनके और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के अपने बेटों को टिकट दिए जाने की मांग के कारण ऐसा नहीं हो सका। इधर भोपाल में गोविंदपुरा सीट पर बाबूलाल गौर उनकी बहू के बगावती तेवर कायम हैं। कांग्रेस ने बुधवार 29 उम्मीदवारों की चौथी सूची जारी की। कांग्रेस ने पहली सूची में 155, दूसरी सूची में 16 और तीसरी सूची में 13 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। पार्टी अब तक 211 नाम तय कर चुकी है। फिलहाल 19 प्रत्याशियों के नामों घोषित होना बाकी है। भाजपा में जिस टिकट वितरण के बाद और बची सीटों पर टिकट के लिए घमासान मचा है उसे देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि कांग्रेस अब बाकी नाम भाजपा के 38 नाम घोषित होने के बाद ही घोषित करेगी। कहा जा रहा है कि कांग्रेस की आखिरी सूची में अधिकतर नाम भाजपा से बागी हुए नेताओं के होंगे। भाजपा में यहां फंसा मामला : भाजपा अब तक 192 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर चुकी है। भोपाल की गोविंदपुरा, होशंगाबाद की सिवनी मालवा सीट के साथ ही इंदौर की सभी 9 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। इसके अलावा चौथी सूची में नेता पुत्रों पर भी फैसला होगा। लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन और कैलाश विजयवर्गीय के बीच नरेंद्र सिंह तोमर और विनय सहस्त्रबुद्धे ने सहमति बनाने के प्रयास किए हैं। सुमित्रा और कैलाश अपने बेटों के लिए टिकट चाहते हैं। पार्टी ने दो विधानसभा सीटों पर कैलाश के बेटे के लिए सर्वे भी कराया है। भोपाल की गोविंदपुरा सीट पर भारी विवाद के हालात हैं। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर की बहू कृष्णा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से आए भाजपा प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा की खींचतान के बीज भोपाल मेयर आलोक शर्मा के नाम भी चर्चा है| वहीं बाबूलाल गौर चुनाव लड़ने पर अड़े हुए हैं| पार्टी यहां कोई चौकाने वाला फैसला भी कर सकती है। इसके अलावा सिवनी मालवा से पार्टी ने सरताज का टिकट काट दिया है और अन्य नाम पर मुहर लगाने का फैसला भी कर लिया है।