सीधी(ईन्यूज एमपी)-प्रदेश मे भाजपा की टिकट के उम्मीदवारों का दंगल प्रदेश की राजधानी मे तो समाप्त हो गया है,लेकिन अंतिम सहमति के लिये देश की राजधानी मे अमित शाह की हरी छंडी के इंतजार मे है। आचार सहिता लगने के बाद से टीकट को लेकर लगातार उठा पटक जारी थी,उम्मीदवारों द्वारा एक ओर जहां खुद को सबल व योग्य साबित करने की होड लगी थी वही दूसरो की छवि को धूमिल करने की पूरजोर कोशिश जारी थी,पर शायद उम्मीदवार इस बात से अनभिज्ञ थे या ध्यान नही देना चाहते थे कि,भाजपा द्वारा प्रदेश व केन्द्र के अलग अलग सर्वे है जिसके आधार पर टिकट जीतने वाले उम्मीदवार को ही दी जायेगी, और होना भी यही चाहिए प्रदेश मे चौतरफा विरोध व संक्रिय विपक्ष को यदि नजरअंदाज कर पर्टी व्यक्तिगत संम्बधों पर टीकट का वितरण करती है तो यह पार्टी के हित मे नही होगा। खैर चुनावी उठापटक का अनतः द्वद पर शायद आज विराम लग जाये और आपस मे न टकराने के बजाय,विपक्ष से लोहा लेने की तैयारी मे जुट जाये,क्योंकि कहते है कि अहंकार तो रावण का भी नही टिका था,और प्रदेश मे विगत पंद्रह सालो मे राम के भेष मे लोगो को कही न कही अब रावण का अहंकार दिख रहा है...?