बैतूल(ईन्यूज़ एमपी)- करिगल युद्ध के बाद से लगातार देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर रक्षा बंधन के दिन पहुंचने वाली एवं सैनिक, शहीद परिवारों, शहीद स्मारकों के संरक्षण के अलावा विभिन्न सेवा कार्यों में अग्रणी बैतूल सांस्कृतिक सेवा समिति राष्ट्र रक्षा मिशन के सदस्यों की खुशी का उस वक्त ठिकाना नहीं रहा जब पंजाब बार्डर पर बार्डर सिक्यूरिटी फोर्स में तैनात प्रदेश के पहले दम्पत्ति उनसे मिले। संस्था अध्यक्ष के घर पहुंचे इस जोड़े का समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों ने स्वागत सत्कार एवं सम्मान किया। इस दौरान पति पत्नी ने अपने सैनिक जीवन के कई यादगार पलों और कठिन लम्हों को सांझा किया। इस दौरान संस्था सचिव भारत पदम, कोषाध्यक्ष जमुना पंडागे्र, सह सचिव ईश्वर सोनी, वरिष्ठ सदस्य माधुरी पुजारे, नीलम वागद्रे, नितिन वागद्रे, हर्षित पंडाग्रे सहित अन्य सदस्य मौजूद थे। छुट्टी पर घर आए थे सैनिक दम्पत्ति - विगत दिनों अवकाश पर अपने घर आए पंजाब प्रांत के फजिल्का जिले के जलालाबाद बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर कविता यादव एवं आरक्षक जयकिशोर यादव ने संस्था अध्यक्ष गौरी बालापुरे पदम एवं उनकी पूरी टीम से मिलने की इच्छा जाहिर की। जिसके बाद सैनिक पति पत्नी ने संस्था अध्यक्ष के घर पहुंचकर पूरी टीम से मुलाकात की। दो वर्ष पहले जयकिशोर यादव के माता पिता का संस्था द्वारा अनुभव-अभिव्यक्ति-आभार कार्यक्रम में सम्मान किया था। वर्षों बाद जब दोनों को साथ लंबी छुट्टी मिली तो दोनो अपने घर लौटे और समिति से मिले। समिति द्वारा दम्पत्ति का शॉल श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया। अपनों के बीच सम्मान पाकर दोनों की आंखे नम हो गई। गौरतलब है कि कविता यादव बैतूल की बिटिया और पुत्रवधु भी है वहीं जयकिशोर भी बैतूल के ही बेटे और जवाई है। प्रदेश का पहला जोड़ा जो बार्डर पर है तैनात- बैतूल जिला मुख्यालय निवासी शिव शंकर सिंह यादव एवं सावित्री यादव के बेटे जयकिशोर, एवं काशीप्रसाद पाल एवं भागरती पाल की बेटी कविता पाल को प्रदेश के पहले ऐसे दम्पत्ति होने का गौरव प्राप्त है जो भारत पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर तैनात है। कविता बीएसएफ में सब इंस्पेक्टर के पहले महिला बैच में तैनात हुई थी, इसके पहले वे सीआईएसएफ में थी। उनकी सेवा का वैसे 17वां वर्ष बीएसएफ में उन्हें सात वर्ष हो चुके है और पदोन्नति के बाद वे सब इंस्पेक्टर से अब इंस्पेक्टर बन चुकी है। इधर जयकिशोर यादव को भी बीएसएफ में 15 वर्ष पूरे हो चुके है। जिले ही नहीं अपितु देश के लिए गौरव बन चुके यह दम्पत्ति जब राष्ट्र रक्षा मिशन से मिले तो सभी पदाधिकारी एवं सदस्य भी गद्-गद् हो गए। जानकारी के अनुसार देश के तीन ही जोड़े देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात है।