सतना(ईन्यूज एमपी)-चित्रकूट की बगदरा घाटी के पास अपहरण किए गये वन विभाग के सेवानिवृत्त अधिकारी, लिपिक व चालक को डकैतों ने बीती रात 1 बजे छोड़ दिया है। इस अपहरण के बाद प्रदेशभर में हड़कम्प मच गया था, लेकिन अच्छी बात यह रही की डाकुओं ने इन लोगों को कोई नुक़सान नहीं पहुँचाया। ख़बरों के अनुसार इन लोगों को फिरौती की 5 लाख रक़म लेकर डाकुओं ने मुक्त किया है, लेकिन ईन्यूज़ एमपी से बात करते हुए अपहरण का शिकार हुए सुरेश त्रिपाठी ने बताया की फिरौती की कोई भी रक़म नहीं दी गयी है, एसपी और आईजी के कार्यवाही के दबाब में डकैतों ने उन्हें मुक्त किया है। आपको बता दें दस्यु सरगना बबुली कोल के दाहिने हाथ ढाई लाख रुपये के इनामी लवलेश कोल ने अपहृतों को छोडऩे के एवज में 50 लाख रुपये फिरौती मांगी थी। जिसके बाद यूपी व एमपी पुलिस की एक दर्जन टीमें बीहड़ में कूद चूकी थी आईजी रीवां जोन उमेश जोगा ने खुद इसकी कमान संभाल रखी थी, पर 24 घंटे बाद भी तीनों अपहृतों का कोई सुराग नहीं मिला जिससे सबकी चिन्ताएँ बढ़ गयी थी। लेकिन पुलिस की कार्यवाही से घबराकर डकैतों ने बीती रात 1 बजे ही उन्हें छोड़ दिया। डकैतों ने मंगलवार शाम करीब पांच बजे प्रदेश के मझगवां और नयागांव थाना क्षेत्र की सीमा में चित्रकूट-सतना मार्ग पर कई वाहनों को रोककर राहगीरों से मारपीट और लूट की थी। इस मामले में साढ़े पांच लाख रुपये के इनामी अंतरराज्यीय डकैत बबुली कोल के साथी लवलेश कोल का नाम सामने आया था। डकैत सड़क निर्माण में लगे मजदूरों समेत जानकीकुंड अस्पताल चित्रकूट से आंखों की जांच करा लौट रहे वन विभाग के सेवानिवृत्त एसडीओ आरएस पांडेय, सेवानिवृत्त लिपिक सुरेश त्रिपाठी निवासी मऊ, रीवां और चालक मुन्ना को अगवाकर ले गए थे। रात में कुछ दूर ले जाने के बाद मजदूरों को छोड़ दिया था पर सेवानिवृत्त वन कर्मियों व चालक को नहीं छोड़ा गया था। घटना के बाद बुधवार को डकैत बबुली कोल के दाहिने हाथ लवलेश कोल के 50 लाख रुपये की फिरौती मांगने की सच्चाई सामने आ गई। आईजी रीवां जोन उमेश जोगा, एसपी सतना संतोष कुमार के साथ उप्र के चित्रकूट एसपी मनोज कुमार झा की अगुआई में एक दर्जन टीमें दोनों प्रदेशों के जंगलों में सर्च आपरेशन में जुट गयीं।जिसके दबाब में आकर डकैतों ने इन लोगों को छोड़ दिया।