भोपाल(ईन्यूज़ एमपी)- आगर मालवा और शाजापुर जिले के 300 किसानों की जमीन के बहुचर्चित फर्जी रजिस्ट्री कांड में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ उज्जैन ने 26 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी और षड्यंत्र का केस दर्ज कर लिया। 150 करोड़ से अधिक की यह धोखाधड़ी चार साल पुरानी है, इसमें सालभर पहले ईओडब्ल्यू शाखा को शिकायत हुई थी। जांच के बाद ईओडब्ल्यू पुलिस ने तात्कालीन उप पंजीयक, तहसीलदार, पटवारी और स्टांप वेंडरों समेत अन्य लोगों को आरोपी बनाया है। मिल रही जानकारी के अनुसार 7 अक्टूबर 2017 को आगर मालवा के तोलाखेड़ी गांव निवासी बाबूलाल यादव ने पीएसीएल कंपनी के सुख मोहिन्दर सिंह के खिलाफ कूट रचित दस्तावेजों से रजिस्ट्री की शिकायत की थी। इसमें फर्जी रजिस्ट्री का खुलासा कृषि भूमि को बैंकों के माध्यम से नीलाम कराने वाली लोढ़ा समिति की वेबसाइट के माध्यम से हुआ था। जांच में पाया कि 300 किसानों की 30 हजार बीघा जमीन की फर्जी रजिस्ट्री कर कंपनी ने डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी की है। इसमें आरोपियों के खिलाफ धारा 420, 419, 120 बी समेत अन्य धारा में केस कायम किया है। जिसमें तात्कालीन उप पंजीयक पूरणसिंह, शाजापुर के तत्कालीन तहसीलदार और हल्का नंबर 17 के पटवारी, फर्जी साक्षीगण होकमसिंह सौंधिया, लालसिंह सौंधिया, गुमानसिंह, दीपक जैन, दिलीप जैन, स्टांप वेंडर रक्षित पाल, नंदकिशोर पाटिल, प्रदीप जैन सांखला, अनवर खान, कंपनी का सुख मोहिन्दर सिंह निवासी पंजाब, चरणसिंह, सीताराम, सुखजीतसिंह,बलजिंदर सिंह, गुरमीतसिंह, मस्करूर रहमान, सुरेश कुमार, रामअवतार सैनी, सुखबीरसिंह, ताराचंद, भगतसिंह, ईश्वरसिंह व अन्य आरोपी शामिल है। शिकायतकर्ता के अनुसार कूटरचित दस्तावेजों में जो विक्रय पत्र पर जिस व्यक्ति की जमीन नहीं उसके फोटो लगाए थे। यादव ने उदाहरण दिया कि गवाह के रूप में आरोपियों ने गांव के हरिसिंह पिता कालूसिंह नाम तक लिख दिया था जबकि उसकी मृत्यु साल 2009 में ही हो चुकी थी।