जबलपुर(ईन्यूज़ एमपी)- जबलपुर की महारीनी के नाम से प्रसिद्ध काली माता पड़ाव समिति की प्रतिमा के नर्मदा में विसर्जन को लेकर ग्वारीघाट इलाके में विवाद हुआ है। यहां समिति से जुड़े लोगों ने नर्मदा नदी में प्रतिमा का जबरदस्ती विसर्जन करने की कोशिश की। इस दौरान पुलिस और समिति से जुड़े लोगों के बीच जमकर विवाद हुआ। इसके बाद लोगों ने पुलिस की कई गाड़ियां जला दी। वहीं जमकर पथराव भी किया गया। जिसमें आधा दर्जन से ज्यादा पुलिस जवान घायल हो गए हैं। इसके बाद जिला प्रशासन ने ग्वारीघाटा इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक दस लोग घायल हुए हैं। मौके पर कलेक्टर छवि भारद्वाज के अलावा एसपी भी पहुंचे हुए हैं और बलवाईयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। पुलिस ने पथराव करने वाले दो दर्जन से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं समिति से जुड़े लोगों के खिलाफ भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने की बात कही है। दरअसल हाई कोर्ट ने प्रतिमा विसर्जन को लेकर आदेश जारी किया है कि नर्मदा नदी में मूर्तियों का विसर्जन नहीं होगा। इसके लिए अलग से एक कुंड बनाया गया है, जिसमें विसर्जन होना था। लेकिन पड़ाव की महारानी से जुड़ी समिति से जुड़े लोगों ने जबरदस्ती मूर्ति को नर्मदा में विसर्जित करने की कोशिश की। इसके बाद मौके पर हालात बेकाबू हो गए और यहां पत्थरबाजी शुरू हो गई। जिसमें कई गाड़ियां फूट गई हैं। उपद्रवियों ने पुलिस की गाड़ियां भी फोड़ डाली हैं। ये जुलूस शहर के अलग-अलग इलाकों से निकलता है। इसमें 24 घंटे से ज्यादा का वक्त लग जाता है। इसमें शामिल होने के लिए आस-पास के इलाकों से हजारों लोग आते हैं। इस जुलूस को लेकर पहले ही पुलिस ने समिति से जुड़े लोगों के साथ बैठक करके समझाइश दी थी कि प्रतिमा विसर्जन नर्मदा नदी में नहीं होगा, लेकिन इसके बावजूद समिति ने आज सुबह ग्वारीघाट में प्रतिमा विसर्जन की कोशिश की, जिसके बाद हालात बिगड़ गए।